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04 दिसंबर 2010

ग़ाज़ियाबादःनेहरू कॉलेज ने छात्रों को डाला मुश्किल में

नेहरू कॉलेज प्रशासन की लापरवाही का खमियाजा बीसीए के स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। कॉलेज की लापरवाही के चलते महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ने बीसीए के स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोककर रखा है। इससे परेशान छात्रों के सब्र का बांध टूट गया और शुक्रवार को उन्होंने कॉलेज के गेट पर जमकर हंगामा किया।
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे सेमेस्टर के करीब 80 स्टूडेंट्स को री-ऐपियर परीक्षाएं देनी थीं। इसके लिए फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 26 जून निर्धारित थी। छात्रों ने निर्धारित तिथि से पहले ही अपने फॉर्म कॉलेज में जमा करा दिए थे। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने फॉर्म को 7 जुलाई को यूनिवर्सिटी भेजे। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने लेट फीस के रूप में करीब 52 हजार रुपये कॉलेज पर थोप दिया, लेकिन कॉलेज ने यह लेट फीस अब तक जमा नहीं किया है। इस कारण यूनिवर्सिटी ने इन छात्रों का रिजल्ट रोक लिया है।
स्टूडेंट्स का आरोप है कि शुक्रवार को वे अपनी समस्या के समाधान के लिए प्रिंसिपल से मिलने गए थे, लेकिन प्रिंसिपल उल्टा स्टूडेंट्स पर ही फट पड़े। कॉलेज के प्रिंसिपल पी. डी. शर्मा ने बताया कि कॉलेज में किसी तरहको कोई प्रदर्शन नहीं हुआ है। यूनिविर्सटी का नियम है कि दो तिहाई विषयों में फेल होने पर स्टूडेंट को पांचवें सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा। ऐसे ही कुछ स्टूडेंट कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया तो स्टूडेंट कॉलेज के सामने धरना देंगे और जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल भी करेंगे(नवभारत टाइम्स,गाजियाबाद,4.12.2010)।

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