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04 दिसंबर 2010

मध्यप्रदेशःफर्जी मेडिकल कॉलेजों पर छापे

प्रदेश भर में बेरोजगारों को गुमराह कर फर्जी डिग्रियां बांट रहे कालेजों पर उच्च शिक्षा विभाग ने छापामार कार्रवाई की है। उच्च शिक्षा का हब बने इंदौर में उच्च शिक्षा विभाग की टीमों द्वारा एक दर्जन से ज्यादा फर्जी कालेजों में छापे मारकर भारी दस्तावेज जब्त किए। इसके अलावा ग्वालियर, सागर, विदिशा, बड़वानी, होशंगाबाद में भी उच्च शिक्षा विभाग की टीमों ने एक साथ छापा मारकर संस्थानों में चल रही अनियमितताओं व धोखाधड़ी का खुलासा किया। प्रदेश में सबसे ज्यादा फर्जी शिक्षण संस्थान ग्वालियर व इंदौर में हैं। इंदौर में एक दर्जन से ज्यादा फर्जी कालेजों पर कार्रवाई : इंदौर में उच्च शिक्षा विभाग ने एक दर्जन से ज्यादा कालेजों पर छापे की कार्रवाई की। उक्त शिक्षण संस्थाएं कालेज की मान्यता दे बेरोजगारों को गुमराह कर उन्हें टेक्निकल व अन्य ब्रांचों की डिग्रियां बांट रही थीं। छापे की कार्रवाई में एलिड कालेज, बाईटल इंफोटेक, आईएमआई, अरिहंत सहिब कालेज, विक्टोरिया कालेज, रेडिएंट कालेज, आईपीएस अकादमी, प्रोटोन विजनेस इंस्टीट्यूट आदि शामिल हैं। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार को गुजराती समाज के नौ व तीन अन्य कॉलेजों में डीएवीवी के रजिस्ट्रार परीक्षित सिंह के नेतृत्व में छापे मारे। कॉलेजों से टीम ने महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। जिन कॉलेजों में बिना अनुमति बाहरी विवि के कोर्स चलाए जा रहे थे, उन पर विवि एफआईआर की तैयारी कर रहा है।गुरुवार को डीएवीवी के रजिस्ट्रार श्री सिंह व उच्च शिक्षा अधिकारी देवेंद्र धाकड़ ने टीम के साथ नौ कॉलेजों में छापे मारे थे। इसमें से चार कॉलेजों में गड़बड़ी निकली है, इसमें वाइटल इंस्टीट्यूट में सबसे ज्यादा गड़बडि़यां पाई गई थी। विवि प्रशासन कॉलेज पर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है, बाकि कॉलेजों की जानकारी शासन को भेजी जाएगी। शासन का आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। शुक्रवार को मैनेजमेंट कोर्स चलाने वाला आईलीड कॉलेज, रेडियंट इन्फोटेक एवं इप्का इंस्टीट्यूट पर कार्रवाई की गई, जहां से टीम ने काफी मात्रा में महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। गड़बड़ी मिलने वाले कॉलेजों पर विवि एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में जुट गया है। वाइटल कॉलेज में पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्धता बताकर एमबीए का पत्राचार पाठ्यक्रम चलाया जा रहा था। इसी प्रकार एलाइड कॉलेज में दक्षिण भारत की दो यूनिवर्सिटी के प्रोफेशनल कोर्स चलाए जा रहे थे। प्रोटोन बिजनिस इंस्टीट्यूट में भी दो बाहरी विवि के कोर्स चल रहे थे। इसके अलावा आईपीएस एकेडमी, आईएमआई अरिहंत व विक्टोरिया इंस्टि्टयूट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों पर भी छापे मारे गए, लेकिन यहां से गड़बड़ी मिलने का खुलासा नहीं किया है। जानकारी के अनुसार राज्य शासन की अनुमति के बिना पाठ्यक्रम चलाने पर आईएमआई के संचालक विकास तिवारी के खिलाफ जूनी इदौर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। इस संस्थान पर शासकीय साइंस कॉलेज भोपाल के डॉ राजेश खरे की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। विदिशा के यूनिक हाईटेक में ताले, संचालक चंपत : विदिशा का यूनिक हाईटेक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट दक्षिण भारत की एक यूनीवर्सिटी से मिली कथित मान्यता के आधार पर यहां विभिन्न कंप्यूटर कोर्स का संचालन कर रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर बीयू के प्रोफेसर ने संस्थान की पड़ताल की और पुलिस को मुकदमा दर्ज करने आवेदन दिया। इस मामले के बाद से संचालक राजेन्द्र आचार्य संस्थान में ताला लगाकर चंपत हो गया है। अस्पताल रोड पर पीली कोठी के पीछे स्थित यूनिक हाईटेक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट ने खुद को शासन द्वारा मान्यता प्राप्त घोषित करते हुए बीसीए, बीबीए, पीजीडीसीए सहित कंप्यूटर संबंधित कई कोर्स संचालित किए हैं, जबकि मध्यप्रदेश शासन से सेंटर को मान्यता नहीं मिली है। सेंटर तीन सालों से तमिलनाडु की यूनीवर्सिटी के नाम पर वह कोर्स संचालित कर रहा है। लिहाजा उससे डिग्री हासिल करने वाले किसी भी विद्यार्थी को भी नौकरियों में पात्रता नहीं होगी। इससे संस्था को फर्जी माना गया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही शुरू की गई है(दैनिक जागरण,भोपाल,4.12.2010)।

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