सर्व ब्राह्मण महासभा ने विधानसभा में पारित 14 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण बिल को लागू करने की मांग की है। महासभा का कहना है कि आरक्षण के लिए सवर्ण जातियों का भी सर्वे होना चाहिए।
महासभा के बनीपार्क स्थित कार्यालय में 30 दिसंबर को सवर्ण जातियों के प्रतिनिधियों की बैठक होगी, इसमें आगामी रणनीति पर विचार कर आंदोलन के आगाज की रुपरेखा तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले से अवगत कराया जाएगा। महासभा के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि आरक्षण के लिए सवर्णों को भी पटरी पर बैठना आता है।
आरक्षण का फैसला दबाव में नहीं होना चाहिए। इसका फैसला नीतिगत व सर्वे के आधार पर हो। मिश्रा ने कहा कि 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवर्णों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। बाद में विधानसभा में बिल पारित होने के बाद यह मामला न्यायालय में चला गया था। इससे सवर्णों ने आंदोलन बंद कर दिया था।
न्यायालय ने एक वर्ष के लिए इस बिल पर रोक लगा दी है। ऐसे में आरक्षण के लिए केवल गुर्जरों का ही सर्वे नहीं होना चाहिए। सवर्ण जातियों का भी सर्वे किया जाना चाहिए, ताकि उनको भी हक मिल सके(विनोद मित्तल,दैनिक भास्कर,जयपुर,27.12.2010)।
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