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29 दिसंबर 2010

नया रायपुर में बनेगा देश का छठा मिलिटरी स्कूल

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय नया रायपुर में इंडियन नेशनल मिलिटरी स्कूल (एनएमएसआई) चालू करने जा रहा है। सेना के छत्तीसगढ़-उड़ीसा सब एरिया हेडक्वार्टर के अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने स्कूल के लिए सेना को जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। रायपुर में शुरू होने वाला स्कूल मध्य भारत का पहला मिलिटरी स्कूल होगा। देश में इस समय ऐसे पांच स्कूल हिमाचलप्रदेश के चैल, राजस्थान के धौलपुर और अजमेर, बेलगांव और बेंगलुरू में संचालित हैं।

सेना ने पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर ऐसे स्कूल शुरू किए थे। सीबीएसई से संबद्ध इन स्कूलों में पांचवीं से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई होती है। प्रवेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि मिलिटरी स्कूल के लिए रक्षा मंत्रालय को जमीन कब तक मिलेगी। सेना का सबएरिया हेडक्वार्टर भी नया रायपुर में प्रस्तावित है।


सेना के नए कमांडर पहुंचे : रायपुर सब एरिया के कमांडर के रूप में अब तक काम कर रहे ब्रिगेडियर कृष्णन का स्थानांतरण मिलिटरी स्कूल नई दिल्ली किया गया है। उनके स्थान पर रक्षा मंत्रालय ने ब्रिगेडियर अमरीक सिंह को पदस्थ किया गया है। उन्होंने काम संभाल लिया है। इन दोनों अधिकारियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान प्रदेश में सेना द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

छठवीं से पढ़ाई 
चेल मिलिटरी स्कूल (पूर्व में किंग जॉर्ज रॉयल इंडिया मिल्रिटी कॉलेज) और मिलिटरी कॉलेज झेलम (वर्तमान में पाक) भारत के पहले राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय हैं। इसकी शुरुआत वर्ष १९२५ में किंग जॉर्ज पंचम के सहयोग से हुई। इन स्कूलों में छठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है। एडमिशन ऑल इंडिया इंट्रेश टेस्ट के द्वारा होता है। यहां पढ़ाई करने वालों के लिए गेम्स एवं स्पोर्ट्स अनिवार्य होता है(दैनिक भास्कर,रायपुर,29.12.2010)।

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