कृषि सेक्टर में कई तरह की मशीनें लगातार मार्केट में आ रही हैं। इन मशीनों का उपयोग मुख्य रुप से ट्रैक्टर से जोड़कर ही हो रहा है। जिससे ट्रैक्टर की मांग लगातार बढ़ रहीहै। इन मशीनों का खेत में लेवल बनाने व उन्हें जरुरत के मुताबिक उपर नीचे करने में टॉप लिंक का उपयोग हो रहा है। कृषि मशीनों की बढ़ती मांग से टॉप लिंक की मांग भी बढ़ रही है। टॉप लिंक का उत्पादन कर उद्यमी अपना कारोबार बढ़ा सकते हैं।
जनरल ट्रैक्टर इंडस्ट्री के एमडी अशोक लिक्की के मुताबिक ट्रैक्टर मार्केट का बाजार लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते ट्रैक्टर पार्ट की मांग भी बढ़ रही है। अधिकतर उद्यमी खुले बाजार में अपने उत्पाद बेच रहे हैं। वहीं तकनीकी रुप से ज्यादा अच्छे उत्पाद सीधे कंपनियों को भी बेचे जा रहे हैं। ट्रैक्टर पाट्र्स इंडस्ट्री टॉप लिंक की मांग भी बढ़ रही है। इसके लिये ज्यादा निवेश की जरुरत नहीं है।
लिक्की के मुताबिक टॉप लिंक (सरिया व पाइप से बनी लंबी राड़) का उत्पादन करने के लिये चार मशीनों की जरुरत है। इसमें पावर प्रेस मशीन, लेथ मशीन, डाई लोड मशीन एवं पेंट कंप्रेसर की जरुरत पड़ती है। नई मशीनरी खरीदने पर यह निवेश करीब 4 से 5 लाख रुपये तक हो सकता है। हालांकि पुरानी मशीनें लेकर कम निवेश में भी यह कारोबार किया जा सकता है। पावर प्रेस मशीन जिसकी क्षमता करीब 100 टन हो। इस नई मशीन की बाजार में कीमत 2 से 2.5 लाख रुपये है। वहीं नई लेथ मशीन की कीमत १ से 1.25 लाख रुपये तक है। डाई लोड मशीन पर 40 से 50 हजार रुपये एवं पेंट कंप्रेसर पर 10 से 15 हजार रुपये का निवेश करना होगा।
टॉप लिंक का उत्पादन सरिया व पाइप का मिश्रित उपयोग कर किया जाता है। इसमें 28 से 32 एमएम के पाइप का उपयोग होता है। यह पाइप बी व सी ग्रेड का उपयोग किया जा सकता है। सबसे पहले सरिया व पाइप की फोर्जिंग की जाती है। इसके बाद डाई हेड मशीन के साथ इसके सिरों पर चूडिय़ां डाली जाती हैं।
अंत में पेंट के लिये स्प्रे कंप्रेसर का उपयोग किया जाता है। इन मशीनों से हर माह 500 से 600 पीस तैयार किये जा सकते हैं। क्वालिटी के लिहाज से प्रति टॉप लिंक पर लागत 325 रुपये से लेकर 450 रुपये तक आती है। जिसे बाजार में आगे 375 रुपये से लेकर 550 रुपये प्रति पीस तक बेचा जा सकता है।
कारोबार - ट्रैक्टर के टॉप लिंक तैयार करने के कारोबार को मिल रहा है बढ़ी हुई मांग का फायदा
निवेश - टॉप लिंक तैयार करने के लिए शुरुआती स्तर पर करना होता है 4-5 लाख रुपये का निवेश
भविष्य - देश में सालाना बिक रहे चार लाख ट्रैक्टरों को देखते हुए भविष्य उज्जवल है इस कारोबार का(नरेश बातिश लुधियान,बिजनेस भास्कर,दिल्ली,1.12.2010)
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