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17 दिसंबर 2010

फ्रेंचाइजी लेने से पहले..............

आप फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं। आपने इसके बारे में कुछ-न-कुछ शोध तो जरूर कर लिया होगा। आपने उसके लाभ और हानि वाले मसले पर भी सोच-विचार कर लिया होगा। संभव है कि आपने यह भी सोच लिया होगा कि आप और आपके साथ काम करने वाले सहयोगी क्या कपड़ा पहनेंगे? आप कितने घंटे फ्रैंचाइजी पर कारोबार के दौरान बिताएंगे। आपने इस दिशा में कोई काम किया तब जाहिर तौर पर यह पता चल पाएगा कि कितना मेहनत कर लिया है। लेकिन इसके बावजूद आपको फ्रेंचाइजी के बारे में बहुत सारे सवालों के जवाब लोगों को नहीं मालूम होंगे। फ्रेंचाइजी लेने के समय आपके मन में यह सवाल उठेगा कि क्या इसके जरिए धन कमाने में सफलता हाथ लगेगी? कोई फ्रेंचाइजी कंपनी चाहे वह पहले ही से कितनी बड़ी ब्रांड क्यों ना रही हो, वह आपको वित्तीय सफलता दिलाने के लिए आश्वस्त नहीं कर सकती है। लेकिन आप फ्रैंचाइजी हासिल करने से पहले कुछ बिन्दुओं पर अच्छी तरह विचार-विमर्श कर लें तब सफलता का प्रतिशत बढ़ जा सकता है।


फ्रेंचाइजी हासिल करने से पहले आपको अपने बारे में जरूर जान लेना चाहिए। मसलन, आपको अपने बारे में यह जान लेना चाहिए कि आप किस तरह के बिजनेस को आगे बढ़ा सकेंगे। आप अपने कौशल, रुचि आदि को बहुत करीब से जानने की कोशिश करें। आप अपनी ताकत और कमजोरियों को भी अच्छी तरह परख लें। आप कभी भी कोई फ्रैंचाइजी ले रहे हों तब उसके ब्रांड वैल्यू के दबाव में नहीं रहें। आप यह मानकर कभी ना चलें कि फ्रैंचाइजी बड़े ब्रांड की है तो निश्चित तौर पर मुनाफा देगी ही। यह सही है कि इसका फायदा आपको मिलता है। लेकिन यह हमेशा जरूरी भी नहीं है। आप जिस भी कंपनी की फ्रैंचाइजी ले रहे हैं, आपको कोशिश यह करनी चाहिए कि आप उनके शहर में पहले से मौजूद स्टोर पर जाएं। आप उनकेमालिकों से यह जानने की कोशिश करें कि उनका कारोबार कितना चल रहा है।

आप पूरे विस्तार में उन फ्रैंचाइजी के मालिकों से बातचीत करें। आप यह भी जानने की कोशिश करें कि वह आपको पसंद करते हैं? कहने का मतलब यह है कि अगर शहर में मौजूद दूसरे फ्रैंचाइजी स्टोर के मालिक आपको पसंद नहीं करते हैं तब वह आपको सहायता नहीं करेंगेे। वह आपको दिक्कत भी पैदा कर सकते हैं। अगर यह संभव हो तब आप किसी फ्रैंचाइजी स्टोर में कुछ दिन वॉल्यून्टरी करके देंखे। आपको सचमुच यहां अच्छा महसूस होता है तभी आप फ्रैंचाइजी लें। ह्यूस्टन फ्रैंचाइजी के मालिक रिचर्ड सोलोमन का कहना है कि यह एक सूप के कटोरा खरीदने की तरह है। 

आप यह जानने की कोशिश कीजिए कि आपने जिस फ्रैंचाइजी को खरीदा है, क्या बाजार में उसकी पहचान से पहले से ही है? या आप बाजार के दबाव को महसूस करने भर से फ्रैंचाइजी खरीद रहे हैं। आप किसी ऐसी कंपनी की फ्रैंचाइजी लेने से बचें, जो कोई अद्भुत उत्पाद बेचती हो या सेवा बेचती हो। आप उन कंपनयिों की फ्रैंचाइजी लेने की कोशिश करें, जो सामान्य व्यवहार में लाई जानेवाले उत्पाद या सेवाएं हों। इससे इतर आप किसी की भी फ्रैंचाइजी ले लें लेकिन इसे सफल बनाने के लिए जोरदार प्रयास करने की जरूरत होगी। आपने यह देखा और महसूस किया होगा कि शहर में पहले से कई कंपनियों की फ्रैंचाइजी ऐसी हैं, जिसे सेल के मोर्चे पर दिक्कत महसूस होती है। आप फ्रैंचाइजी खरीदने के लिए वेबसाइट का भी सहारा ले सकते हैं। आप फ्रैंचाइजी के मोर्चे पर मोलतोल कर सकते हैं।

आप यह कभी भी नहीं सोचें कि फ्रैंचाइजी की कीमत तय होती है। आप बड़े शहरों के लिए फ्रैंचाइजी लेते हैं तो उसकी रेट अलग होती है लेकिन यदि आप छोटे शहरों के लिए लेते हैं तब संभव हो कि उसकी दर कम हो। फ्रैंचाइजी की कीमत के मोर्चें पर मोलभाव की हमेशा गुंजाइश होती है। आप इंटरनेट यूजर हैं तब आप गूगल सर्चइंजिन पर जो भी फ्रैंचाइजी लेना चाहते हैं, नाम डाल दें। आप कंपनी का नाम डालकर उसके आगे स्कैम शब्द डाल देंगे तब उससे संबंधी दिक्कतों के बारे में आपको पता चल पाएगा। दरअसल, यहां लोग फ्रैंचाइजी से जुड़े दिक्कतों को साझा करते हैं। लेकिन किसी खास कंपनी के बारे में कोई छोटी-छोटी शिकायत हो तो उसको लेकर बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। आप यह देखने की कोशिश करें कि कोई ऐसी गंभीर शिकायत तो कंपनी के बारे में वहां नहीं है। 

आपको एक बात यह समझनी चाहिए कि हरेक कंपनी के कुछ फ्रैंचाइजी स्टोर मालिक ऐसे होते हैं, जो उसे सफलता की ओर नहीं ले जा सकते हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जिन्हें आप किसी भी कंपनी की फ्रैंचाइजी दिला दें उसमें असफलता ही हाथ लगेगी। आप शिकायत के पैटर्न पर निगाह रखें। यदि आपको लगता है कि फलां कंपनी की फ्रैंचाइजी ठीक नहीं है तब उसे हाथ नहीं लगाना ही बेहतर होगा। अंतत: आप किसी भी फ्रैंचाइजी को चलाने से पूर्व इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि कारोबार बगैर जोखिम के हो ही नहीं सकता है। दुनिया में कोई भी कारोबार आप करना चाहेंगे तब उसमें जोखिम तो होगा ही। खासकर इस समय दुनिया की तमाम देशों की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही हैं। आपको इन हालात में फ्रैंचाइजी लेने से पहले फूंक-फूंक कर कदम उठाने की जरूरत होगी(बिजनेस भास्कर,दिल्ली,15.12.2010)।

1 टिप्पणी:

  1. पहली बार आया इस ब्लॉग पर..
    जो लोग भी इस मेहनत के पीछे हैं उनको बधाई और धन्यवाद देना चाहूंगा. हिन्दी में ऐसे ज्ञानपरक ब्लोग्स का सख्त अभाव है.

    ब्लॉगिंग: ये रोग बड़ा है जालिम

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