मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग का पुनर्गठन होगा। कालेज शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोग बनेगा। प्राथमिक शिक्षकों की बहाली दक्षता परीक्षा के आधार पर होगी। वे जदयू कार्यालय में बुधवार को लगे जनता दरबार में लोगों की समस्याओं के समाधान के दौरान बोल रहे थे। ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह ने भी कई समस्याओं को सुन उसे निपटाने की कोशिश की। कई लोगों ने श्री शाही से विभिन्न स्कूलों को उत्क्रमित करने तथा स्कूल भवन का निर्माण करने की मांग की तथा कुछ पदाधिकारियों द्वारा दायित्व का निर्वाह करने में गड़बड़ी पर ध्यान आकृष्ट किया। मंत्री ने उनके आवेदन पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मियों की तरह वित्त रहित शिक्षाकर्मियों को मासिक वेतन देना संभव नहीं है। ग्रामीण विकास मंत्री को ग्रामीण सड़कों से संबंधित कई आवेदन दिये गये। मंत्री ने कहा कि सड़कों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण हो इसके लिए विभाग को उड़नदस्ते भेज कर निर्माण कार्य की औचक जांच के आदेश दिये गये हैं। उक्त टीम अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी के मातहत कार्य करेगी। औचक निरीक्षण न करने की शिकायत मिली तो टीम पर कार्रवाई होगी(दैनिक जागरण,पटना,30.12.2010)।
हिंदुस्तान,पटना,30.12.2010 की रिपोर्ट भी देखिएः
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ होता दिख रहा है । राज्य सरकार फि र से विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन क रने जा रही है । कॉलेजों में शिक्षकों के लगभग सात हजार पद रिक्त हैं । मानव संसाधन विकास विभाग ने इसके लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है । बुधवार को शिक्षा मंत्री पी.के .शाही ने जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक र्ता दरबार में कहा कि आयोग के गठन की रूपरेखा पर विचार-विमर्श हो रहा है । उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षकों की बहाली के लिए अभ्यर्थियों को राज्यस्तरीय शिक्षा दक्षता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। जदयू के महासचिव डॉ. नवीन आर्या और पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य डॉ.जगन्नाथ गुप्ता समेत कई लोगों ने कॉलेजों में शिक्षकों की बहाली जल्द क रने और आयोग के गठन का मामला उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव तैयार होते ही इसे कैबिनेट में भेजा जायेगा। इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों को अलग करने के बाद राज्य में विश्वविद्यालय और कॉलेज शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 14436 थी। इसके विरुद्ध लगभग साढ़े सात हजार शिक्षक ही उपलब्ध हैं । राज्य सरकार ने वर्ष 2003 में विश्वविद्यालय सेवा आयोग, महाविद्यालय सेवा आयोग और अंतर विश्वविद्यालय बोर्ड को भंग करते हुए विश्वविद्यालयों को उनके स्तर से ही शिक्षकों की बहाली का अधिकार सौंप दिया था। हालांकि अबतक क हीं भी बहाली हो नहीं सकी। वैसे अधिक तर विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों की बहाली के लिए चयन समितियां बना रखी है । कु छ समय पूर्व मगध विश्वविद्यालय ने बहाली प्रक्रिया जरूर शुरू की लेकिन अबतक कोई नतीजा सामने नहीं आया। ऐसी स्थिति में आयोग का गठन होने पर बहाली में तेजी आयेगी। शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की शिकायत पर मंत्री ने कहा कि भविष्य में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही बहाली में मौका मिलेगा। दक्षता परीक्षा पास करने वालों का पैनल तैयार करके सरकार इसे संबंधित जिलों को सौंप देगी। कई आवेदकों ने 34500 शिक्षकों की बहाली शीघ्र करने की मांग की। वित्तरहित शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नियमित वेतन की मांग की जिसे मंत्री ने खारिज कर दिया।
हिंदुस्तान,पटना,30.12.2010 की रिपोर्ट भी देखिएः
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ होता दिख रहा है । राज्य सरकार फि र से विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन क रने जा रही है । कॉलेजों में शिक्षकों के लगभग सात हजार पद रिक्त हैं । मानव संसाधन विकास विभाग ने इसके लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है । बुधवार को शिक्षा मंत्री पी.के .शाही ने जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक र्ता दरबार में कहा कि आयोग के गठन की रूपरेखा पर विचार-विमर्श हो रहा है । उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षकों की बहाली के लिए अभ्यर्थियों को राज्यस्तरीय शिक्षा दक्षता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। जदयू के महासचिव डॉ. नवीन आर्या और पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य डॉ.जगन्नाथ गुप्ता समेत कई लोगों ने कॉलेजों में शिक्षकों की बहाली जल्द क रने और आयोग के गठन का मामला उठाया। इस पर मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव तैयार होते ही इसे कैबिनेट में भेजा जायेगा। इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों को अलग करने के बाद राज्य में विश्वविद्यालय और कॉलेज शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 14436 थी। इसके विरुद्ध लगभग साढ़े सात हजार शिक्षक ही उपलब्ध हैं । राज्य सरकार ने वर्ष 2003 में विश्वविद्यालय सेवा आयोग, महाविद्यालय सेवा आयोग और अंतर विश्वविद्यालय बोर्ड को भंग करते हुए विश्वविद्यालयों को उनके स्तर से ही शिक्षकों की बहाली का अधिकार सौंप दिया था। हालांकि अबतक क हीं भी बहाली हो नहीं सकी। वैसे अधिक तर विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों की बहाली के लिए चयन समितियां बना रखी है । कु छ समय पूर्व मगध विश्वविद्यालय ने बहाली प्रक्रिया जरूर शुरू की लेकिन अबतक कोई नतीजा सामने नहीं आया। ऐसी स्थिति में आयोग का गठन होने पर बहाली में तेजी आयेगी। शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की शिकायत पर मंत्री ने कहा कि भविष्य में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही बहाली में मौका मिलेगा। दक्षता परीक्षा पास करने वालों का पैनल तैयार करके सरकार इसे संबंधित जिलों को सौंप देगी। कई आवेदकों ने 34500 शिक्षकों की बहाली शीघ्र करने की मांग की। वित्तरहित शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नियमित वेतन की मांग की जिसे मंत्री ने खारिज कर दिया।
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