जनगणना कार्य में टीचर्स की ड्यूटी लगने से मार्च के फर्स्ट वीक में शुरू होने वाले यूपी बोर्ड एग्जाम आगे खिसक सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक शासन के निर्देश पर 15 फरवरी से 15 मार्च तक टीचर्स की ड्यूटी जनगणना कार्य में लगेगी। इसके बाद होली है। इसलिए बोर्ड एग्जाम 20 मार्च के बाद होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इस संबंध में लिखित में कोई आदेश नहीं आया है।
मार्च के फर्स्ट वीक में होने वाले यूपी बोर्ड एग्जाम पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। माना जा रहा है कि टीचरों के स्कूल न आने से बोर्ड एग्जाम कुछ लेट शुरू होंगे। इस साल टीचर्स का काफी समय सरकारी अभियान और जिला पंचायत चुनाव में ड्यूटी देने में बीत गया। खासकर परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई न के बराबर हुई। वहीं स्कूलों में भी छात्रों की उपस्थित न के बराबर रही।
राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल सुधा रानी ने बताया कि शासन के निर्देश पर अगले वर्ष से जनगणना कार्य शुरू होने वाला है। इस कार्य को संपन्न कराने के लिए व्यापक स्तर पर टीचरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अकेले जीजीआईसी से ही पूरे स्टाफ की ड्यूटी लगा दी गई है। ऐसी स्थिति में परीक्षाएं कैसे होंगी। उन्होंने बताया कि टीचरों की जनगणना कार्य में ड्यूटी 15 फरवरी से 15 मार्च तक लगाई है। इससे पहले टे्रनिंग प्रोग्राम होंगे, जो कई चरणों में चलेंगे। टीचरों की टे्रनिंग जनवरी में शुरू हो जाएगी। इसलिए बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम भी दिसंबर में ही कराने पड़ रहे हैं। जनगणना का कार्य 15 मार्च तक चलेगा। इसके बाद एक-दो दिन तक छुट्टी होगी। इसके बाद होली का त्योहार है। उम्मीद जताई जा रही है कि होली के बाद ही बोर्ड एग्जाम शुरू होंगे।
उधर, विभागीय सूत्रों के मुताबिक बोर्ड एग्जाम लेट शुरू होंगे तो उनका मूल्यांकन कार्य भी लेट ही शुरू होगा और अंत में रिजल्ट भी लेट हो सकता है। ऐसी स्थिति में टीचरों पर वर्क लोड ज्यादा पड़ेगा(नवभारत टाइम्स,गाजियाबाद,29.12.2010)।
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