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27 दिसंबर 2010

दिल्ली में नर्सरी दाखिलाःदस फीसदी तो बढ़ ही जाएगी फीस

नर्सरी के लिए इस बार फीस स्ट्रक्चर क्या होगा, इस बारे में स्कूल मार्च में ही फैसला लेंगे लेकिन एडमिशन के समय अधिकतर स्कूलों में पैरंट्स को एकमुश्त राशि जमा करवानी पड़ती है। कहीं पूरे साल की फीस के साथ एकमुश्त राशि ली जाती है तो कहीं तीन महीने की फीस के साथ। इस बार स्कूल कितनी फीस बढ़ाएंगे, यह तो अभी तय नहीं है लेकिन फिलहाल नर्सरी में बच्चे का एडमिशन करवाने जा रहे पैरंट्स को कम से कम 10 फीसदी बढ़ी फीस देनी पड़ सकती है। स्कूलों का कहना है कि पैरंट्स से जो फीस ली जाएगी, उसके साथ एक शर्त यह होगी कि फीस पर अंतिम फैसला होने पर जरूरी अडजस्टमेंट करनी होगी। यानी पैरंट्स को अप्रैल में कुछ और फीस भी देनी पड़ सकती है।

दरअसल, प्राइवेट स्कूलों में हर साल फीस में कुछ न कुछ बढ़ोतरी जरूर होती है। स्कूलों का तर्क है कि महंगाई बढ़ रही है और फीस में बढ़ोतरी करनी ही पड़ती है। जहां तक नर्सरी एडमिशन की बात है तो पैरंट्स को मेरिट लिस्ट आने के बाद फरवरी- मार्च में फीस जमा करवानी पड़ती है जबकि सेशन अप्रैल में शुरू होता है। स्कूल की मैनेजिंग कमिटी मार्च में बढ़ी फीस पर फैसला करती है। प्राइवेट स्कूलों की संस्था नैशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस (एनपीएससी) के वाइस चेयरमैन एल. वी. सहगल का कहना है कि स्कूल कुछ बढ़ोतरी के साथ नर्सरी के लिए एकमुश्त फीस तय कर देते हैं और मार्च में फीस पर अंतिम फैसला लिया जाता है। स्कूल कितनी फीस बढ़ाएंगे, इसका आधार स्कूल का बजट होगा। एयरफोर्स बाल भारती स्कूल के प्रिंसिपल आनंद स्वरूप का कहना है कि नर्सरी एडमिशन के लिए फिलहाल जो एकमुश्त फीस तय की जाएगी, उसमें पिछले साल की तुलना में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी संभव है।


उन्होंने कहा कि बढ़े खर्चों के आधार पर यह देखा जाएगा कि कितनी फीस बढ़ाने की जरूरत है। एपीजे स्कूल, पीतमपुरा के प्रिंसिपल डी. के. बेदी का कहना है कि उनके स्कूल में नर्सरी की फीस अप्रैल में ही जमा करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर हर साल फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। महंगाईभत्ता बढ़ जाता है और स्कूलों को फीस में इजाफा करना पड़ता है। 
उधर, नर्सरी की फीस को लेकर हर स्कूल का फॉर्म्युला अलग-अलग ही होता है। हर स्कूल में केवल रजिस्ट्रेशन फीस (25 रुपये) और एडमिशन फीस (200 रुपये) ही कॉमन होती है बाकी तरह- तरह के चार्ज होते हैं। डिवेलपमेंट चार्ज में बड़ा अंतर देखने को मिलता है। पिछले साल स्प्रिंगडेल्स स्कूल, पूसा रोड में नर्सरी के लिए डिवेलपमेंट चार्ज 4160 था तो डीपीएस वसंत कुंज में 4860 रुपये था। 

एडमिशन फीस, ट्यूशन फीस, डिवेलपमेंट चार्ज, बिल्डिंग फीस, मेडिकल फीस, इंश्योरेंस चार्ज, असाइनमेंट, मैग्जीन, बुलेटिन, सिक्युरिटी मनी, स्पोर्ट्स, कंप्यूटर चार्ज, बस फीस और न जाने किन-किन मदों को फीस में शामिल किया गया है। नर्सरी के लिए फीस की कैलक्युलेशन 40 से 70 हजार रुपये सालाना तक बैठती है। ट्यूशन फीस हर स्कूल अपने हिसाब से तय करते हैं। 

इस मसले पर ऑल इंडिया पैरंट्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अशोक अग्रवाल का कहना है कि फीस के मसले पर स्कूल हर साल मनमानी करते हैं। डिवेलपमेंट चार्ज के नाम पर पैरंट्स के बड़ी राशि ली जाती है। इसी तरह से फीस बढ़ोतरी का कोई ठोस आधार नहीं होता। 

एडमिशन कैंसल करवाने पर कटेंगे 200 रुपये 
स्कूलों की एडमिशन लिस्ट अलग - अलग समय पर आती है और अगर किसी ने अपने बच्चे का एडमिशन एक स्कूल में करवा दिया और बाद में दूसरे स्कूल में एडमिशन करवाना चाहते हैं तो इसके लिए अधिक परेशानी नहीं होगी। नियमों के मुताबिक सभी स्कूलों में एडमिशन फीस 200 रुपये है। एडमिशन कैंसल करवाने पर स्कूल वाले केवल 200 रुपये ही काट सकते हैं। स्कूलों को बाकी सारी फीस वापस करनी होंगी। अगर कोई स्कूल इस नियम का पालन नहीं करता तो शिक्षा निदेशालय के पास शिकायत की जा सकती है(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.12.2010)।

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