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06 दिसंबर 2010

कोरियोग्राफी में करिअर

आज पेरेंट्स अपने बच्चों को मल्टी टेलेंटेड बनाना चाहते हैं लेकिन कॅरिअर की जब बात आती है तो सिर्फ इंजीनियरिंग या डांक्टरी जैसे बरसों से चले आ रहे रूढ़िवादि क्षेत्रों में ही आगे बढ़ने पर जोर दिया जाता है। सभी माता-पिता चाहते है कि उनका बच्चा पेंटिंग भी करे, गाए भी, नाचे भी पर कॅरिअर की बात आते ही इन क्षेत्रों से मुंह फेर लिया जाता है। यदि गहराई से सोचा जाए तो नाचने-गाने जैसे क्षेत्र में भी अच्छा पैसा और नाम कमाया जा सकता है। कोरियोग्राफी आज एक नए और अनोखे कॅरिअर के रूप में सामने आया है। आंकड़े हैं कि भारत में वर्ष २००४ में सिर्फ रजिस्टर्ड संस्थानों, कंपनियों व मनोरंजन से जुड़े क्षेत्रों में ३८,००० से अधिक कोरियोग्राफर्स की नौकरियां थीं और यह मांग वर्ष २०१२ तक कई गुना बढ़ चुकी होगी।

यदि हम बड़े शहरों की बात करें तो जब तक प्रोडक्शन हाउस, विज्ञापन जगत, खेल के मैदान और चीयरलीडर्स, ऍाडियो-वीडियो जगत, स्कूल-कॅालेज, नाइट क्लब्स, कू्रज जहाज, होटल्स, सर्कस और एरोबेटिक्स आदि का अस्तित्व है तब तक कोरियोग्राफर्स की मांग बनी रहेगी। इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के लिए अधिक समस्या भी नहीं होती।

यदि आप मात्र बारहवीं पास हैं पर आपको संगीत के साथ थिरकना पसंद है और शरीर में लचीलापन है तो आपके पास भी एक मौका है कि कोरियोग्राफर बन जाएं। वैसे भी आजकल टीवी पर छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों तक के लिए डांस रियलिटी शो की टीआरपी जोरों पर है। सभी को देश के दिग्गज कोरियोग्राफर्स के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। ये स्कूल कोर्स के दौरान आपमें आत्मविश्वास जगाते हैं और आप में एक बेहतरीन नर्तक की संभावना पैदा करते हैं। कोरियोग्राफी के जरिए आज चले आ रहे पुराने नृत्यों में भी फेरबदल किया जा रहा है। कोरियोग्राफर्स का काम नृत्य कलाओं के साथ प्रयोग कर संगीत के भावों को एक कहानी की तरह प्रस्तुत करना होता है। कोरियोग्राफी के कोर्स के दौरान आप अपने पसंदीदा संगीत चुनते हैं और उसमें महारत हासिल करते हैं। वेस्टर्न स्टाइल्स का काफी बोलबाला है। लोग सालसा, जाइव, फॉक्सट्रॉट, वॉल्ट्ज, सांबा, रूंबा, टैंगो आदि कई तरह के डांस पसंद कर रहे हैं। स्टाइल चाहे जो भी हो, कोरियोग्राफी आपको परफेक्शन के साथ नाचने और नचाने की पूरी छूट देती है।

छोटे स्तर पर कोरियोग्राफी कोर्स २,००० से ४,००० रुपए तक की फीस में उपलब्ध है, चाहे आप पश्चिमी क्लासिकल में रुचि रखते हो या भारतीय शास्त्रीय नृत्य में। बड़े-बड़े संस्थानों में टिपिकल डांस पैटर्नकेकोरियोग्राफी कोर्स की फीस २५,००० रुपए तक जा सकती है।


अच्छे संस्थानों में अलग-अलग कोरियोग्राफी कोर्स ६,००० से १५,००० तक की फीस की मांग करते हैं और एक बार कोरियोग्राफर बन जाने के बाद आप अपने टे्रनिंग इंस्टिट्यूट से तो कमाएंगे ही, साथ ही जगह-जगह शोज करके भी लाखों की कमाई हो सकती है। आज आपके बच्चे जब सरोज खान, वैभवी मर्चेंट या प्रभु देवा को देखकर थिरकते हैं तो आप भी खुश होते हैं पर कल अगर वही बच्चे इनके जैसा बनना भी चाहें तो एक बार जरूर सोचिएगा।

कहां से करें कोर्स?
* श्यामक डावर सालसा डांस कंपनी, मुंबई 
*  संदीप सोपकर और एश्ले लोबो डांसवर्क्स, मुंबई
*  संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली
*  श्यामक डावर इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, नई दिल्ली 
*  डांसवर्क्स परफॉर्मिंग आर्ट्स अकादमी, नई दिल्ली
*  टैगोर इंटरनेशनल स्कूल, नई दिल्ली 
*  गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ डांस एंड म्यूजिक, भुवनेश्वर
*  यूनिवर्सिटी ऑफ मैसूर
*  नाट्य इंस्टिट्यूट ऑफ कथक व कोरियोग्राफी ,बेंगलुरु 
दीपिका शर्मा,नई दुनिया,दिल्ली,6.12.2010)

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