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06 दिसंबर 2010

आंवले के शर्बत से बनाएँ करिअर

1,300 ग्राम पैक शर्बत को तैयार करने का खर्च 50-52 रुपये आता है। जबकि इसकी कीमत 65-70 रुपये प्रति किलो मिलती है। एक किलो आंवले का शर्बत बनाने में करीब 42 रुपये की लागत आती है।

अपने गुणों के कारण आंवले का बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके प्रसंस्करित उत्पादों की मांग दुनिया भर में लगातार बड़ा आकार लेती जा रही है। इसके उत्पादों में सबसे ज्यादा मांग शर्बत की है। इसको देखते हुए किसान को आंवला बेचने के बजाय इसका शर्बत बेचने में ज्यादा लाभ मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। बाजार में भरपूर आवक के समय आंवले के दाम काफी कम हो जाते है। इससे किसानों को उसके काफी कम दाम मिलते है। आंवले को सीधा बेचने के बजाय किसान यदि आंवले का शर्बत या कैंडी बनाकर बेचे तो उन्हे इसकी कीमत आंवले से ज्यादा मिलेगी। इन उत्पादों को किसान अपने घर पर ही बना सकते है। इसके लिए कोई बड़ा प्लांट लगाने की भी जरुरत नही होती है।

तैयार करने की विधि

आंवले का शर्बत या कैंडी बनाने के लिए उसे अच्छी तरह से धोकर सुखा ले। उसे धूप में रखकर नमी को पूरी तरह खत्म कर दे। इसके बाद आंवले को कांच के बर्तन में रखकर अनुमान के अनुसार चीनी मिला दे। इसके अलावा बारह ग्राम साइट्रिक एसिड को पीसकर उसके साथ ४०० ग्राम सोडियम बेंजोइट और ६०० ग्राम सोडियम मेटा बाइ सल्फेट का घोल बनाकर आंवले से भरे जार में डाल दे। इसके बाद जार को अच्छी तरह से हिलाकर इस तरह बंद करे कि हवा भी न जाने पाये। उसे ४० दिनों तक इसी तरह रहने दे। इतने दिनों में आंवले का सारा रस बर्तन में एकत्रित हो जायेगा। इस रस को छलनी से छानकर कांच के बर्तन या बोतलों में भर दिया जाता है। इस तरह आंवले का शर्बत तैयार हो जाता है। रस निकल जाने के बाद जो आंवला बचता है उसको अच्छी तरह सुखा लेते है। सूखने के बाद आंवला कैंडी तैयार हो जाती है। खाने में यह काफी स्वादिष्ट होती है। 

उत्पाद बनाने की लागत 
एक किलो आंवले का शर्बत बनाने में करीब ४२ रुपये की लागत आती है। इसमें ३० रुपये प्रति किलो चीनी का दाम होता है। इस कीमत पर करीब १३०० ग्राम शर्बत तैयार हो जाता है। पैकिंग खर्च को शामिल कर ले तो ५०-५२ रुपये में १३०० ग्राम पैक शर्बत तैयार हो जाता है। 

इस शर्बत को पीने से पहले इसमें पानी मिलना आवश्यक होता है। इसमें शर्बत की तुलना में चार गुना पानी मिलने के बाद ही पिया जाता है। बाजार में यह शर्बत ६०-६५ रुपये प्रति किलो आसानी से बिक जाता है। इस तरह से तैयार शर्बत को छह महीने तक आसानी से रखा जा सकता है, इस अवधि तक वह खराब नही होता है। यदि शर्बत को लंबी अवधि तक रखने के लिए अतिरिक्त प्रोसेसिंग की जरुरत होती है। इसके लिए शर्बत को कांच की बोतल में भर ले। एक अलग बड़े बर्तन में पानी भर कर उसमें शर्बत की बोतल को डाल दे। 

उस बर्तन के पानी को करीब ८५ डिग्री सेल्सियश तापमान तक गर्म करना होता है। इस तापमान पर शर्बत की बोतल को बीस मिनट तक गर्म होने दे। उसके बाद उसे बाहर निकालकर ठंडा कर ले। इस प्रक्रिया के बाद शर्बत को दस महीने तक रखा जा सकता है। इस उत्पाद को शहरी क्षेत्रों में आसानी से बेचा जा सकता है। वहां पर इस तरह के उत्पादों की काफी मांग होती है(शमशेर सिंह,बिजनेस भास्कर,दिल्ली,6.12.2010)

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