नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) अपनी फौज में लड़कियों की संख्या बढ़ाने पर खास जोर दे रहा है। इस बाबत ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। एनसीसी के पश्चिम बंगाल व सिक्किम निदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल एम पी सिंह ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कहा कि बंगाल के सात विश्वविद्यालयों, 231 कालेजों व 642 स्कूलों में इस समय 94,000 से भी अधिक कैडेट हैं जिनमें 25 फीसदी लड़कियां शामिल हैं। इस आंकड़े को अगले दो वर्षों में बढ़ाकर 33 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए विभिन्न शिक्षा संस्थानों के प्रबंधन से बातचीत की जाएगी। वहां की छात्राओं को एनसीसी के कार्यक्रमों में आमंत्रित कर संगठन से जुड़ने के फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि कैडेट बनकर वे किस तरह शिक्षा, खेल व अन्य क्षेत्रों में अपना भविष्य संवार सकती हैं। खेल के प्रसंग में उनके समक्ष कैडेट तेजस्विनी सावंत का उदाहरण पेश किया जाएगा, जिसने दिल्ली में हाल में संपन्न हुए राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। निदेशालय के जन संपर्क अधिकारी कैप्टन (डा.) बी बी सिंह ने बताया कि इस सिलसिले में हाल में यादवपुर विश्वविद्यालय के उप-कुलपति से इस बारे में बातचीत हुई है। ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों पर खास ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि खेलकूद के क्षेत्र में उनमें संभावनाएं अधिक है। प्रशिक्षण मिलने पर वे तीरंदाजी व निशानेबाजी जैसे खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। एनसीसी में पर्वतारोहण का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। अंग्रेजी की विशेष कक्षा की व्यवस्था की गई है। नर्सिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाता है(विशाल श्रेष्ठ,दैनिक जागरण,कोलकाता,5.12.2010)।
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