यूजीसी स्केल में हुई गलतियों के बारे में विधानसभा में असंतोष जताया गया है। कुछ सरकारी अधिकारियों के लिए राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये खोना पड़ा। यूजिसि गाईड लाईन का सही तरीके से अनुकरण नहीं किया गया है। इसे बदलकर गाईडलाईन के अनुसार अध्यापकों को वेतन प्रदान करने के लिए मांग कि गयी है। विधानसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा एन.सी.पी के विधायक दल के नेता अमर प्रसाद शतपथी ने उठाते हुए कहा कि यू.जी.सी स्केल के बारे में केन्द्र सरकार ने एक गाईडलाईन जारी की थी। मगर राज्य सरकार द्वारा गठन किए गए फिटमेंट कमेटी ने इसे न मानकर अलग स्केल के लिए सिफारिश की है। देश के 14 राज्य केन्द्र द्वारा बनाए गए यूजीसी स्केल के अनुसार वेतन प्रदान कर रहे हैं मगर ओड़िशा में कुछ सरकारी अधिकारियों द्वारा इसकी रुपरेख ही बदल दी गयी है। इससे 80 प्रतिशत अनुदान ओड़िशा को खोना पड़ रहा है क्योंकि गाईड लाईन में कहा गया था कि केन्द्रीय गाईडलाईन को पुरी तरह से लागु करने पर पुरा अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार के इस गलत निर्णय के चलते ओयुएटी समेत विभिन्न विश्वविद्यालय के अध्यापक अपने प्राप्य पाने से वंचित हो रहे हैं। इस तरह के गलतियों के लिए जो जिम्मेदार हैं उन्हें इसे सुधारने के लिए कहा जाए। सीपीआई विधायक आदिकंद सेठी, श्री शतपथी के मांग का समर्थन करते हुए यूजीसी स्केल लागु करने की आवश्यकता होने की बात कहा। निलगिरी विधायक प्रताप षडंगी ने कहा कि सरकार इस गलती को तुरंत सुधारें(दैनिक जागरण संवाददाता,भुवनेश्वर,5.12.2010)।
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