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25 दिसंबर 2010

पटना विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा विभाग को मान्यता नहीं,दाखिले पर रोक

पटना विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीइ) की मान्यता एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. डीडीइ को सत्र 2010-11 में स्नातकोत्तर में दाखिले के लिए अब तक डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल ( डेक ) की मान्यता नहीं मिल पायी है. इससे विवि को स्नातकोत्तर विभाग में दाखिला रोकना पड़ा है. इस सत्र में स्नातकोत्तर विभाग ने एक भी नामांकन नहीं लिया है.

उधर, अगर जल्द डेक से मान्यता नहीं मिलती है, तो स्नातकोत्तर विभाग के इस सत्र को विश्वविद्यालय प्रशासन ‘जीरो सत्र’ घोषित करने पर मजबूर होगा. इससे पहले भी 2007 में डीडीइ की मान्यता पर सवाल उठे थे, जिस पर छात्रों ने जम कर हंगामा किया था. हालांकि, स्नातक की मान्यता बरकरार है और इसकी नामांकन प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है.

डीडीइ के स्नातकोत्तर विभाग को मान्यता मिलने में हो रही देरी पटना विश्वविद्यालय के लिए परेशानी का सबब बन गयी है. विवि के एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार नये सत्र की शुरुआत अगस्त से ही होनी थी और अब दिसंबर समाप्त होने को है.


हालांकि, मान्यता को लेकर डीडीइ लगातार प्रयास कर रहा है. कई बार इसे लेकर आवेदन भी भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक डेक से कोई जवाब नहीं मिला है. 14 दिसंबर को दिल्ली में इसको लेकर बैठक भी होनी थी, लेकिन डेक ने इस बैठक को भी टाल दिया. डीडीइ के निदेशक प्रशांत दत्ता ने कहा - स्नातकोत्तर विभाग को डेक से मान्यता मिलने में देरी की वजह से अब तक एक भी नामांकन नहीं लिया गया है. मान्यता दिलाने की कोशिश जारी है. डेक को आवेदन भेजा गया है.

उम्मीद है कि जनवरी से डीडीइ के स्नातकोत्तर में नामांकन हो सकेगा.क्या है परेशानीविवि सूत्रों का कहना है कि डेक चाहता है कि विवि अपने दूरस्थ शिक्षा का पाठ्यक्रम इग्नू के तर्ज पर करे, लेकिन इसके लिए विवि तैयार नहीं है. विवि का कहना है कि पाठ्यक्रम प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बेहतर है. साथ ही राज्य के अन्य विश्वविद्यालय में इसी पाठ्यक्रम की पढ़ाई होती है(प्रभात खबर,पटना,25.12.2010).

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