तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए आरपीएससी को मनाने का प्रयास
तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों की भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग(आरपीएससी ) के ही माध्यम से कराने के लिए शिक्षा विभाग एक बार फिर प्रयास कर रहा है। इसके लिए स्वयं माध्यमिक शिक्षा निदेशक भास्कर सावंत आरपीएससी के सचिव के.के.पाठक से बातचीत कर रहे हैं। साथ ही द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इसके बाद करीब एक हजार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी हो सकेगा।
विभाग में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अर्से से सिरे नहीं चढ़ पा रही है। एक हजार पदों में 793 तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों के हैं। इन पदों के लिए आरपीएससी ने कुछ समय पूर्व भर्ती कराने से मना कर दिया था। इसके साथ ही 207 द्वितीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों की भर्ती भी नियमों में संशोधन नहीं होने की वजह से अटकी है। अब दोनों श्रेणियों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने की उम्मीद बंध रही है।
संशोधन की दरकार
तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षकों के लिए योग्यता सीपीएड और द्वितीय श्रेणी के लिए डीपीएड रखी गई थी। वर्ष 2000 में ये दोनों पाठ्यक्रम राजस्थान में बन्द हो चुके हैं, लेकिन नियमों में संशोधन नहीं हुआ। इसके चलते राज्य के अधिकांश शारीरिक शिक्षक इसके लिए अयोग्य माने जा रहे हैं।
अब शिक्षा विभाग वर्तमान में चल रहे बीपीएड पाठ्यक्रम को योग्यता में शामिल कराने का प्रयास कर रहा है। सूत्रों के अनुसार फिलहाल मामला विधि विभाग के पास अटका हुआ है। वर्ष 2000 से ही नियमों में संशोधन को लागू मान लिए जाने पर राज्य के कई शारीरिक शिक्षकों को इसका लाभ मिल सकता है(राजस्थान पत्रिका,बीकानेर,5.12.2010)।
वकीलों ने भी मांगी आयुसीमा में छूट
एमबीबीएस योग्यताधारियों की तरह अब एलएलबी डिग्रीधारकों ने भी सरकारी नौकरी के लिए आयुसीमा में छूट की मांग शुरू कर दी है। हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से शनिवार को इस सिलसिले में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया।
इसमें बताया गया कि एमबीबीएस और एलएलबी दोनों ही व्यावसायिक पाठ्यक्रम है, लेकिन चिकित्सा विभाग में सरकारी नौकरी के लिए एमबीबीएस डिग्रीधारक को 47 वर्ष तक आवेदन की छूट दे रखी है, जबकि एलएलबी योग्यताधारी 35 साल की आयु तक ही आवेदन कर सकते हैं।
ज्ञापन में इस विसंगति कोदूर करने की मांग रखी गई। इसके अलावा जोधपुर में नोटेरी पब्लिक की संख्या बढ़ाने की भी मांग उठाई गई है। मुख्यमंत्री से मिले प्रतिनिघि मण्डल में एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलापचंद भूत, महासचिव करणसिंह राजपुरोहित व उपाध्यक्ष माणकलाल चांडक सहित कार्यकारिणी के अन्य सदस्य एवं अघिवक्ता शरीक थे(राजस्थान पत्रिका,जोधपुर,5.12.2010)।
फर्जी सिक्योरिटी एजेंसीःतामझाम सहित धरा गया ठग
शहर पुलिस ने शुक्रवार को फर्जी सिक्योरिटी एजेंसी वाला बनकर बेरोजगार युवाओं से रकम ऎंठ रहे एक ठग को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त से बड़ी तादाद में सिक्योरिटी कैप, बैज, विसिल डोरी, स्टार, बैल्ट व कुछ सिक्योरिटी एजेंसियों की मुहरें बरामद की गई है। एक रजिस्टर भी जब्त किया है, जिसमें सैंकड़ों युवकों के नाम व हिसाब लिखा है।
पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि गोपनीय सूचना मिली थी कि रंगबाड़ी कच्ची बस्ती में कोई युवक है, जो बेरोजगार युवकों को ठग रहा है। सूचना के सत्यापन के बाद पुलिस उपाधीक्षक पारस जैन के नेतृत्व में गठित टीम ने वहां दबिश दी और रामकरण उर्फ संजय सुमन [25] नाम के इस ठग को गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त से किसी भी सिक्योरिटी एजेंसी का लाइसेंस नहीं मिला है। इसके पास मिले कुछ पहचान पत्र पुलिस के परिचय पत्रों से मिलते-जुलते हैं, ऎसे में इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि फर्जी पुलिसकर्मी बनकर की जा रही ठगी की वारदातों में भी इसका हाथ हो। पुलिस उससे इस बिन्दु पर भी पूछताछ कर रही है।
'दिल्ली एयरपोर्ट पर लगा दूंगा'
महावीर नगर थानाधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि अभियुक्त पहले तो अखबारों में विज्ञापन देता था। इसके बाद जैसे ही युवक उससे सम्पर्क करते थे तो वह दिल्ली एयरपोर्ट में सिक्योरिटी सुपरवाइजर लगाने की बात कहता था। इसके लिए हजार-दो हजार रूपए बतौर पंजीयन शुल्क वसूल लेते था।
दिल्ली जाने पर यह उन्हें किसी भी मकान या फैक्ट्री पर भेजता और कहता कि यहां उनकी ट्रेनिंग हो रही है। ट्रेनिंग के बाद जब युवक फिर से इससे सम्पर्क करते तो वह इन्हें वापस बुला लेता। कहता कि, कॉल लेटर घर पहुंच जाएगा।
लेकिन आज तक किसी के घर कॉल लेटर नहीं पहुंचा। रकम कम होने से युवक पुलिस को शिकायत करने में भी ज्यादा रूचि नहीं लेते। मूलत: बारां जिले के सीसवाली का रहने वाला रामकरण पूर्व में भी महावीर नगर में इसी तरह के मामले में गिरफ्तार हो चुका है(राजस्थान पत्रिका,कोटा,4.12.2010)।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालयःनए मापदंडों ने बढाई परेशानी
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के नए नियमों ने निजी कॉलेजों की परेशानियां बढा दी हैं। निजी महाविद्यालय संघ के पदाधिकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर ऎतराज जताया है। उन्होंने नियमों में बदलाव नहीं करने पर विरोध की बात कही है।
संघ के समन्वयक बी.एस. जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय ने पिछले दिनों सभी कॉलेजों को पत्र भेजा है। इसमें अव्यावहारिक मापदंड निर्धारित किए गए हैं। सभी कॉलेजों से 15 दिन में शपथ पत्र देने को कहा है। खुद विश्वविद्यालय में जिन नियमों की पालना नहीं हो रही, उन्हें कॉलेजों पर थोपा जा रहा है।
...वरना आर्थिक दंड
जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सभी संकायों में विषयवार योग्यताधारी शिक्षक और आधारभूत संसाधन नहीं होने पर आर्थिक दंड की बात कही है। अकादमिक स्तर को बढाने के लिए दंड कतई व्यवहारिक नहीं है।
कैसे जुटाएंक्
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि विश्वविद्यालय ने कम्प्यूटर में राष्ट्रीय या राज्य पात्रता परीक्षा (नेट/सेट) योग्यताधारी शिक्षकों की नियुक्ति की बात कही है। राजस्थान लोक सेवा आयोग कम्प्यूटर में सेट परीक्षा नहीं लेता। दूसरी तरफ नौजवान कंप्यूटर विषय में नेट को तवज्जो नहीं देते।
यह है मानदंड
-विषयवार पर्याप्त शिक्षक।
-लाइसेंस युक्त सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल।
-कम्प्यूटर लैब में दो विद्यार्थियों पर एक विद्यार्थी।
-हाईटेक लैब और अन्य संसाधन(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,5.12.2010)।
नीमराणाःइंजीनियरिंग कॉलेज में ही दे सकेंगे परीक्षा
नीमराणा सेंट माग्रेट इंजीनियरिंग कॉलेज के अंतिम वर्ष 7वें सेमेस्टर मेन और बैक की परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं का परीक्षा सेंटर राजकीय पीजी कॉलेज कोटपुतली से परिवर्तित कर दिया। कॉलेज डीन एच.एस.गुणवाल ने बताया कि 4 दिसम्बर के बाद होने वाली सभी शेष्ा परीक्षाएं सेंट माग्रेट इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपने कॉलेज में दे सकेंगे(राजस्थान पत्रिका,नीमराणा-अलवर,5.12.2010)।
8वीं परीक्षा में इस बार होगी न्यूटाइप
आठवीं बोर्ड खत्म होने के बाद बदले परीक्षा पैटर्न की जानकारी से जिले के अधिकतर शिक्षक-विद्यार्थी अभी तक अनभिज्ञ हैं जबकि अगले महीने अद्र्घवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक स्कूलों तक बदले पैटर्न की जानकारी नहीं भिजवाने की वजह से स्कूलों में पुराने पैटर्न के आधार पर ही पढ़ाई हो रही है।
जानकारी के अनुसार इस बार होने वाली परीक्षा दो भागों में होगी तथा न्यू टाइप का भी प्रावधान रखा गया है। बोर्ड समाप्त होने के बाद जिला समान परीक्षा योजना के तहत होने वाली इस सत्र की परीक्षा में दो भाग रखे गए हैं। भाग (अ) और मुख्य पेपर भाग (ब) अलग- अलग होंगे। इससे पहले जब बोर्ड का प्रावधान था तब पेपर केवल एक ही भाग में आता था। शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक आठवीं कक्षा के परीक्षा पैटर्न में मामूली बदलाव करते हुए अधिकतर पैटर्न क्लास सातवीं की तर्ज पर ही लिया गया है। नया पैटर्न जनवरी में होने वाली अद्र्घ वार्षिक परीक्षा में भी लागू होगा। जिला समान परीक्षा संयोजक कैलाश गौड ने बताया कि अद्र्घवार्षिक परीक्षा में कोर्स के ६० फीसदी हिस्से से प्रश्न पूछे जाएंगे। अभी तक स्कूलों में नए पैटर्न की जानकारी नहीं होने से जिले के हजारों विद्यार्थियों के सामने संकट खड़ा हो सकता है।
राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के प्रदेश संरक्षक पुष्कर वर्मा का कहना है कि बदले गए पैटर्न की जानकारी समय पर स्कूलों में भिजवाई जानी चाहिए थी। देरी होने से विद्यार्थियों को प्रश्न- पत्र हल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
बैठक में दी जानकारी
जिला समान परीक्षा संयोजक ने बताया कि शुक्रवार को शहर के संस्था प्रधानों की हुई बैठक में बदले गए पैटर्न के बारे में बताया है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में भी बीईओज के माध्यम से जल्द जानकारी भिजवा दी जाएगी।
खास बदलाव नहीं
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) अनिल कौशिक ने बताया कि पैटर्न को सातवीं क्लास के आधार पर रखा गया है। जो बदलाव किया गया है उसके बारे में संस्था प्रधानों और शिक्षकों को अवगत कराया जा रहा है।
ऐसे होगा अंकों का विभाजन
अंकों के लिए दो श्रेणियां बांटी गई है। इसमें २० नंबर के मौखिक तथा ३५ नंबरों के लिए लिखित परीक्षा होगी। जिला समान परीक्षा प्रभारी अश्विनी शर्मा ने बताया कि 'अÓ भाग न्यू टाइप में १५ अंकों के लिए प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें दस सवाल आधे-आधे अंक के तथा दस सवाल एक-एक अंक के पूछे जाएंगे। भाग 'बÓ ३५ अंकों का होगा जिसमें दस सवाल डेढ़-डेढ़ अंक के तथा पांच प्रश्न चार-चार अंक के होंगे छह विषयों में बीस-बीस नंबर की मौखिक परीक्षाएं अलग से होंगी(दैनिक भास्कर,अलवर,5.12.2010)।
नवपदोन्नत वरिष्ठ लिपिकों को कार्यालय सहायकों की जगह लगाए जाने का विरोध
अजा-जजा अधिकारी कर्मचारी संघ की शनिवार को नत्थूसर बास स्थित राममंदिर परिसर में बैठक आयोजित हुई। बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा निदेशालय में कार्यरत नौ नवपदोन्नत वरिष्ठ लिपिकों को कार्यालय सहायकों के रिक्त पदों के विरुद्ध लगाए जाने पर विरोध प्रकट किया। बैठक को संबोधित करते हुए जेठमल माली, रामकिशन देवाला, बुलाकीदास देवड़ा ने कहा कि निदेशक द्वारा कार्यालय सहायकों के पद विरुद्ध पदस्थापन करने से ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से कार्यरत कार्यालय सहायकों के निदेशालय में स्थानांतरण के अवसर समाप्त हो गए है और नवपदोन्नत वरिष्ठ कर्मचारियों की भी अनदेखी की गई है। संगठन ने मांग की है कि पदों के विरुद्ध लगाए गए कार्मिकों का आदेश प्रसारित किया जाए अन्यथा संगठन धरना-प्रदर्शन करेगा(दैनिक भास्कर,बीकानेर,5.12.2010)।
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