भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी के कारण बड़ी संख्या में लोग लाइफस्टाइल डिसीज जैसे ब्लड प्रेशर और शुगर से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में होम हेल्थकेयर डिवाइसेज की मांग बढ़ रही है। मौजूदा समय में देश में होम हेल्थकेयर डिवाइसेज का बाजार लगभग 7,050 करोड़ रुपये का है। होम हेल्थेकयर डिवाइसेज का कारोबार सालाना 8से 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। इस सेगमेंट में कई मल्टीनेशनल कंपनियां बढ़ते अवसरों को भुनाने के लिए बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है। होम हेल्थकेयर बाजार में इंपोर्टेड प्रोडक्ट का मार्केट शेयर लगभग 60 से 70 फीसदी है बाकी हिस्सा डोमेस्टिक प्रोडक्टों का हैं।
होम हेल्थकेयर डिवाइस सेगमेंट में मॉनिटरिंग डिवाइसेज, थेरेपेटिक डिवासेज, इंटरवेंशनल डिवाइसेज शामिल हैं। मॉनिटरिंग डिवाइसेंज में ऐसे डिवाइस शामिल हैं जिसकी मदद से पेशेंट खुद ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट की इंटरवेंशनल डिवाइसेज में ऐसे डिवाइसेज शामिल हैं जिसकी मदद से पेशेंट को दवा दी जा सके। मधुमेह से पीडि़त पेशेंट इंटरवेंशनल डिवाइसेज का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली के भागीरथ पैलेस स्थित बाजार में मेजर सर्जिकल कंपनी के प्रमोटर पीयूष सब्बरवाल ने बताया कि होम हेल्थकेयर डिवाइस सेगमेंट में शुगर से जुड़े डिवाइसेज 650 रुपये लेकर 1600 रुपये तक की प्राइस रेंज में उपलब्ध हैं।
वहीं ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग से जुड़े डिवाइसेज ८०० रुपये से लेकर १७०० रुपये तक की प्राइस रेंज में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि हो हेल्थकेयर डिवाइस सेगमेंट में इंपोर्टेड प्रोडक्ट का हिस्सा 60 से 70 फीसदी है। ये प्रोडक्ट अमेरिका इटली जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों से आयात किए जाते हैं। इंपोर्टेड प्रोडक्ट में चीन के प्रोडक्ट का मार्केट शेयर भी तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि चीन के प्रोडक्ट काफी सस्ते पड़ते हैं।
बाजार में पिछले ४० वर्षों से मेडिकल डिवाइसेज के कारोबार में सक्रिय एक और कारोबारी महीप सिंह ने बताया कि कारोबार नजरिए से बात करें तो धंधा बढ़ रहा है लेकिन एक डिवाइस पर मिलने वाला मुनाफा लगातार घट रहा है। उन्होंने कहा कि जागरूकता बढऩे के साथ ही साथ ग्राहक कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील हो गए हैं और ऐसे में क्वालिटी मेनटेन करना कारोबारी के लिए एक बड़ी चुनौती है।
हम भारत को युवा देश के रूप में देखते हैं लेकिन सावधानी से देखें तो पाएंगे कि भारत में उम्रदराज लोगों की आबादी भी कम नहीं हे। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार २०२५ तक भारत में बुजुर्गो कीं संख्या बढ़ कर १७ करोड़ तक हो जाने की उम्मीद है। बुजुर्गों की आबादी बढऩे के साथ साथ होम हेल्थकेयर डिवाइसेज की मांग बढ़ रही है।
महीप सिंह ने बताया कि जानसन एंड जानसन, बीपीएल, जापानी कंपनी सिटीजन्स और आमेरान जैसी विदेशी कंपनियां इस सेगमेंट में बड़ी प्लेयर हैं। ये कंपनियां पेशेंट के साथ साथ डॉक्टरों को भी टार्गेट कर रही हैं। साथ ही कारोबार बढ़ाने के लिए ये कंपनियां जागरूकता अभियान भी चला रहीं हैं। कारोबारियां का कहना है कि होम हेल्थकेयर डिवाइेज के कारोबार के तेज विकास की राह में ऊंची कीमतें, होम हेल्थकेयर डिवाइसेज के इस्तेमाल को लेकर पेशेंट का डर और जागरूकता का स्तर पर्याप्त न होना जैसी चुनौतियां भी हैं। हेल्थेकयर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतें का मुद्दा बेहद अहम है। हर एक व्यक्ति होम हेल्थकेयर प्रोडक्ट नहीं खरीद सकता है। ऐसे में समाज के निचले तबके की आबादी को प्रोडक्ट मुहैया कराने के लिए मेजर प्लेयर्स को कम कीमत वाले प्रोडक्ट तैयार करने होंगे(महेंद्र सिंह,बिजनेस भास्कर,30.11.2010)।
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