छठे वेतनमान को लेकर शनिवार को भी विश्वविद्यालय शिक्षकों का बहिष्कार जारी रहा। शिक्षकों ने प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया। उनका कहना था कि बिना छठे वेतनमान के वे शिक्षण कार्य नहीं करेंगे।
अपनी मांग को लेकर बीते कई दिनों से विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के शिक्षक हड़ताल पर हैं। शनिवार को सभी शिक्षकों ने फार्मेसी, बायोटेक, एमसीए, बीबीए, पैरामेडिकल साइंस व यूआईईटी के सभी विभागों में जाकर हड़ताल का समर्थन मांगा। बाद में 200 से अधिक शिक्षकों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की। डॉ. विवेक सिंह, डॉ. अंजू वर्मा, डॉ. ऋचा वर्मा, डॉ. रामेंद्र ने कहा कि छठे वेतनमान को लेकर कई माह से बातचीत चल रही थी। इस पर लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लचर रवैया अपनाया गया। हड़ताल के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ही जिम्मेदार है। उनकाकहना था कि जब तक उन्हें पुनरीक्षित वेतनमान नहीं दिया जाएगा तब तक पढ़ाई का प्रश्न ही नहीं उठता है। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन भी इस हड़ताल को लेकर उहापोह में है। अधिकारी शिक्षकों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बात नहीं बन पा रही है(दैनिक जागरण संवाददाता,कानपुर,4.12.2010)।
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