इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में नई भर्तियों पर राज्य शासन ने रोक लगा दी है। विवि ने टेक्निकल के 192 और शैक्षिक स्टाफ के 219 पदों सहित 600 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन निकाले हैं।
विवि ने इनमें से 150 पदों की भर्ती के पहले वित्त विभाग से अनुमति नहीं ली। इसे देखते हुए कृषि विभाग ने सारे पदों की भर्ती पर रोक लगा दी। कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने बताया कि शासन से जिन पदों की अनुमति ली गई है, उनका भी अब पहले परीक्षण किया जाएगा।
विवि में भर्ती विज्ञापन जारी होने के बाद से बवाल मचा हुआ है। विवि ने विज्ञापन में लंबे अनुभव वाले पदों के लिए आयुसीमा 35 वर्ष तय कर दी है। इससे कई अभ्यर्थी दौड़ से बाहर हो गए।
डीन, डायरेक्टर, डीएसडब्ल्यू सहित एक समान पदों के लिए अलग-अलग आवेदन बुलाए गए हैं। इन सबके लिए विशेषज्ञों का पैनल बुलाने में मोटी राशि खर्च होगी। शिकायत के बाद कृषि मंत्री ने इसका परीक्षण कराया तो पता लगा कि कई पदों के लिए कृषि विवि ने वित्त विभाग से अनुमति नहीं ली है।
इसमें कामधेनू विवि के पद भी शामिल हैं। शासन ने कामधेनू विवि खोलने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन विवि ने अभी से इसकी भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। कृषि विभाग ने विवि को पत्र लिखकर सारे पदों पर भर्ती की जानकारी मांगी है। इनका परीक्षण करने के बाद ही भर्ती के लिए अनुमति दी जाएगी।
अनुभव पर आपत्ति
विज्ञापन में सबसे ज्यादा आपत्ति अनुभव को लेकर हुई है। विवि ने जितने भी पद के विज्ञापन निकाले हैं, उनमें सरकारी या अर्धशासकीय संस्थाओं के अनुभव की अनिवार्यता लगा दी गई है।
वाहन चालक, केयर टेकर, मेट्रन और ट्रैक्टर चालक से भी सरकारी, अर्धशासकीय और स्वायत्तशासी संस्थाओं में तीन साल काम करने का अनुभव देना होगा। जनसंपर्क अधिकारी के लिए पत्रकारिता में मास्टर डिग्री मांगी गई है, साथ ही सरकारी संस्थान में तीन साल का अनुभव मांगा गया है। इसमें पत्रकारिता के अनुभव को दरकिनार कर दिया गया है(दैनिक भास्कर,रायपुर,24.12.2010)।
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