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18 दिसंबर 2010

पंजाबःविदेश में नौकरी के सपने ही दिखा सका रोजगार विभाग

पंजाबी युवाओं में विदेश में नौकरी करने की ऐसी ललक है कि वे कोई भी हथकंडा अपनाने से गुरेज नहीं करते। अनेक युवा अवैध तरीके से विदेश पहुंच भी जाते हैं, लेकिन वैध रूप से विदेश में रोजगार के लिए पंजीकरण कराने वालों का तो भगवान ही मालिक है। पंजाब के रोजगार जेनरेशन व ट्रेनिंग विभाग में नाम दर्ज करवाने वाले युवाओं को आज तक विदेश में रोजगार का अवसर नहीं मिल सका। रोजगार विभाग में आठ वर्ष पूर्व शुरू की गई योजना के तहत, अब तक पांच हजार युवाओं ने आवेदन किया। किसी को विदेश में रोजगार का मौका तो मिला नहीं, सरकारी खजाने में लाखों रुपये जरूर जमा हो गए। सूचना अधिकार कानून के तहत इस बात का खुलासा हुआ है। आरटीआइ कार्यकर्ता संजय सहगल ने रोजगार विभाग से जानकारी मांगी थी कि 2002 में रोजगार जेनरेशन और ट्रेनिंग विभाग पंजाब के एफईटीबी सेल की ओर से शुरू की गई साइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट फोरेन इम्पलायमेंट पंजाब डाट जीओवी डाट इन में गत पांच वर्षो में कितने युवाओं का पंजीकरण किया गया, उनसे कितने पैसे लिए गए और उनमें से कितनों को विदेश में रोजगार मिला? विभाग ने अपने जवाब में कहा है कि अब तक 4994 युवाओं ने विदेश में रोजगार पाने के लिए पंजीकरण कराया। इसके लिए सामान्य वर्ग के आवेदकों से 50 रुपये आवेदन पत्र और 550 रुपये पंजीकरण शुल्क के रूप में लिए गए। एससी, एसटी, अपंग और पिछड़ा वर्ग से 250 रुपये फीस ली गई है। पिछले पांच वषरें के दौरान विदेश जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसी भी व्यक्ति को विदेश जाने में सफलता नहीं मिल सकी है। खुद विभाग का मानना है कि जो व्यक्ति रोजगार विभाग के पास पंजीकरण करवाते हैं उनके नाम मात्र विभाग की साइट पर ही डाले जाते हैं इससे अधिक कुछ नहीं। आवेदकों को हर वर्ष पंजीकरण का नवीनीकरण कराना पड़ता है। इसके लिए सामान्य वर्ग को 150 और आरक्षित वर्ग के आवेदकों को 75 रुपये देने पड़ते हैं। विदेशीकंपनियों के रोजगार विभाग की साइट न खोलने के कारण पिछले पांच साल में राज्य के किसी भी युवा को वैध तरीके से विदेश में रोजगार के लिए वीजा नहीं मिल सका है(दविन्दर सिंह,दैनिक जागरण,जालंधर,18.12.2010)।

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