छत्तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों को प्रतिदिन साढ़े सात घंटे पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिए कार्य दिवस और शिक्षण अवधि का न्यूनतम मानक तय कर दिया गया है। इस संबंध में कलेक्टरों और अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि केंद्र ने देश के प्रत्येक बच्चे को प्राथमिक स्तर तक की शिक्षा अनिवार्य रूप से देने के उद्देश्य से नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम-2009 लागू किया है। इस अधिनियम के अध्याय चार के नियम-24 के अंतर्गत शिक्षकों के कर्तव्यों को परिभाषित किया गया है। अधिनियम की अनुसूची में स्कूलों के लिए मान और मानक के अंतर्गत एक शैक्षणिक वर्ष में कार्य दिवसों और शिक्षण घंटों की न्यूनतम अवधि तय कर दी गई है(दैनिक जागरण,रायपुर,12.12.2010)।
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