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12 दिसंबर 2010

राजस्थानःटीएसपी में कर्मचारियों को विशेष भत्ता देने पर सहमति

जनजाति उपयोजना क्षेत्र में रिक्त पडे पदों की संख्या देख जनजाति आयोग ने गहरी चिंता जताते हुए इस क्षेत्र में कर्मचारियों को विशेष भत्ता देने की बात पर सहमति जताई है। आयोग ने इस सम्बंध में ठोस परिणाम के लिए राज्य सरकार से बात करने का निर्णय किया है।

जनजाति उपयोजना क्षेत्र [टीएसपी] के उदयपुर जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग अध्यक्ष डॉ. रामेश्वरन ओरयन ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में यह मंशा जताई। दौरे के दौरान जगह-जगह यही बात सामने आई कि इन क्षेत्रों में कर्मचारी आना नहीं चाहते। उन्हें यह भी बताया गया कि पूर्व में यह बात उठी थी कि विशेष भत्ता दिया जाए, लेकिन अलग-अलग कारण बताकर इसे टाला जाता रहा। अध्यक्ष ने कहा कि जब उत्तर-पूर्व में विशेष भत्ते का प्रावधान है, झारखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों में इसका प्रावधान है, तब राजस्थान के टीएसपी क्षेत्र में यह प्रावधान क्यों नहीं हो सकता। आयोग की रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक है। इसके बाद वे केंद्र सरकार के स्तर पर भी यह चर्चा करेंगे।

आधे से अघिक पद खाली हैं

-आयोग ने पहले दिन जावरमाइंस और दूसरे दिन कोटडा क्षेत्र में आदिवासी जनप्रतिनिधियों और महिला-पुरूषों से उनकी शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सामाजिक परिस्थितियों की जानकारी ली। अकेले कोटडा ब्लॉक में शिक्षकों के 1200 में से 700 पद रिक्त होने पर आयोग ने चिंता जताई। अध्यक्ष ने कहा कि चिकित्सा सुविधाएं भी बेहतर नहीं कही जा सकतीं। स्वास्थ्य केंद्र कम हैं, यह अलग बात है, लेकिन जहां हैं वहां चिकित्सक होने ही चाहिए।

87-88 में भी उठी थी बात 
वर्ष 1987-88 में जब जनजाति आयुक्त मीठालाल मेहता थे तब विशेष भत्ते की बात उठी थी। इसे बाद में मोड देते हुए यह कारण बताया गया कि ठहरने की सुविधा नहीं होने के कारण कर्मचारी वहां नहीं जाते। तब 8-9वें वित्त आयोग के समय पूरे टीएसपी क्षेत्र में करीब 1200 क्वार्टर्स बनाए गए थे। इसके बावजूद आज भी शिक्षा और चिकित्सा विभाग के आधे से अघिक पद रिक्त ही चल रहे हैं(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,12.12.2010)।

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