राघवेन्द्र कुमार मल्ल कुशीनगर, 27 दिसंबर : वर्ष 2004 में बिना आवेदन किये आंगनबाड़ी में 50 कार्यकत्रियों व 48 सहायिकाओं की नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यह खुलासा सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ है। खुलासे की खबर आम होते ही इस मामले से जुड़े अफसरों के हाथ पांव फूल गये हैं। साथ ही चयनित अपात्रों की धड़कनें बढ़ गयी हैं। कुशीनगर के राकेश सिंह ने 2004 में आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं के चयन में मनमानी को लेकर जिलाधिकारी से गुहार लगाई थी। अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शन भी किया था। मांग अनसुनी रही तो राकेश ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जन सूचना अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी से 2004 के रिक्त पद, आरक्षण व नियुक्तियों का बिंदुवार ब्योरा मांगा। बार-बार दौड़ने के बाद इन्हें सूचना तो दूर कोई माकूल जवाब भी नहीं दिया गया। जब श्री सिंह ने निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार लखनऊ व मुख्य सूचना आयुक्त राज्य सूचना आयोग से नियमानुसार गुहार लगायी तो उन्हें वांछित सूचना मिली जिससे इस फर्जीवाड़ें का खुलासा हुआ। मिली सूचना में पता चला कि जहां पर रिक्तियां नहीं थी वहां पर भी मोटी रकम लेकर तैनाती कर दी गयी। इसके अलावा चयन सूची में कई पात्रों का नाम काटकर ऐसी अपात्र महिला अभ्यर्थियों का नाम शामिल कर लिया गया। डीपीओ पर 25 हजार का अर्थदण्ड : कुशीनगर के राकेश सिंह द्वारा विशुनपुरा ब्लाक में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के एक अन्य मामले में आठ बिंदुओं पर मांगी गयी सूचना के मामले में राज्य सूचना आयुक्त ब्रजेश कुमार मिश्र ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कुशीनगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार राय पर 25 हजार रुपये का अर्थदण्ड आरोपित किया है(राघवेन्द्र कुमार मल्ल,दैनिक जागरण,कुशीनगर,28.12.2010)।
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