10+2 के बाद देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में साइंस पीसीएम वर्ग के छात्रों के लिए इंजीनियरिंग में आईआईटी ही सर्वश्रेष्ठ संस्थान है। प्रत्येक छात्र आईआईटी में प्रवेश पाने का सपना संजोता है। यह प्रवेश परीक्षा छात्र की कठिन परिश्रम एवं दृढ संकल्प होने की सही मायने में परीक्षा लेती है। इस बार आईआईटी में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई-2011 कानपुर आईआईटी कराएगा। परीक्षा की तिथि 10 अप्रैल, 2011 है। इस लेख में हमने आईआईटी में प्रवेश लेने के लिए तैयारी कर रहे छात्रों के लिए विशेष सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास किया है..
क्यों है क्रेज
आईआइटी में सुपर ब्रेन का ही चयन होता है। इस कारण इस संस्थान से निकलने वाले स्टूडेंट्स आईआईएम या आईएएस की परीक्षा में ही काफी संख्या में सफल नहीं होते हैं, बल्कि विदेशों में भी इनकी काफी मांग होती है। कई आईआईटी संस्थान विदेशों की प्रमुख यूनिवर्सिटियों से संलग्न हैं। जिसके कारण यहां के स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी मिलता रहता है।
आईआईटी-जेईई स्ट्रेटेजी
प्राईमरी स्टेज
गार्जियन और टीचर का रोल महत्वपूर्ण।
खेल-खेल में सीखने को प्रेरित करें।
स्टूडेन्ट्स की तेजी से सीखने की क्षमता पर ध्यान दें।
आठवीं क्लास में पढ रहे स्टूडेंट्स की रुचि मैथ्स और साइंस में है, तो यही समय है उसे दिशा देने का। इस समय तैयारी से अधिक रुझान महत्व रखता है। स्टूडेंट्स की अपेक्षा गार्जियन और टीचर को इस समय अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है। यह एक दिन में नहीं बल्कि अनवरत प्रयास से ही संभव है। यदि स्टूडेंट्स बिना किसी दबाव के कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं, तो इस तरह के स्टूडेंट्स को आईआईटी के लिए प्रेरित किया जा सकता है। याद रहे कि आईआईटी ही सब कुछ नहीं है, इसके अलावा भी आगे बढने के लिए काफी कुछ है। देश की प्रमुख डिफेंस रिसर्च संस्था डीआरडीओ में सिर्फ 20 प्रतिशत ही आईआईटियन हैं, जबकि इसकी साख और प्रतिभा का लोहा दुनिया मानती है।
इंटरमीडिएट स्टेज -
फंडामेंटल व बेसिक नॉलेज जरूरी।
प्रश्नों के लिए एनालिटिकल स्किल्स सीखें।
वीक व स्ट्रॉन्ग एरिया के लिए अलग-अलग समय-सीमा निर्धारित करें।
आईआईटी में सफल छात्रोंका मानना है कि यदि दसवीं के बाद इस परीक्षा की तैयारी करने का इरादा है तो स्टूडेंट को औसतन 8 घंटे रोज पढाई करना चाहिए। इस एग्जाम की सबसे खास बात है कि कडी मेहनत के साथ सीखने का जुनून होना अतिआवश्यक है। तैयारी करते समय यह जरूरी है कि यदि स्टूडेंट किसी प्रॉब्लम को सॉल्व नहींकर पा रहा है तो वह तब तक हिम्मत न छोडे जब तक प्रॉब्लम सॉल्व न हो जाए। कडी मेहनत, लगन व जुनून इस एग्जाम की तैयारी के मूलमंत्र हैं।
बेसिक नॉलेज जरूरी
आईआईटी की परीक्षा में बेसिक्स मजबूत होने चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले ग्यारहवीं और बारहवीं की एनसीईआरटी की पुस्तकों का गहन अध्ययन करें। इससे दो फायदे यह होंगे कि आपकी एकेडमिक परीक्षा की तैयारी के साथ आवश्यक 60 मार्क्स सम्भव हो सकेंगे। बेसिक् स मजबूत करने के बाद आप एनालिटिकल प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। रटने की बजाय प्रश्नों के सिद्धांत को समझने की कोशिश करें। प्रत्येक प्रश्न को एक जिज्ञासु की भांति समझने का प्रयास करें और उसके संभावित उत्तर पर गहराई से विचार करें। साथ ही इस बात पर भी गहराई से विचार करें कि यही उत्तर क्यों उचित है। यहां यह जरूरी है कि आप लीक से हटकर प्रॉब्लम को सॉल्व करने का प्रयास करें। इस तरह से आप कठिन से कठिन प्रॉब्लम को चुटकियों में सॉल्व करने में कामयाब हो जाएंगे। यदि आप इस तरह की सोच डेवलप कर लेते हैं तो निश्चित रूप से आपकी तैयारी औरों से बेहतर होगी। इस स्तर पर पहुंचने के बाद आप पिछले बीस वर्षो के आईआईटी में पूछे गए सवालों की एक सूची बना लें। पहली सूची में अपने हिसाब से सबसे आसान प्रश्नों का एक बैंक बना लें। दूसरी सूची में टफ प्रश्नों को रखें और अंत में सबसे कठिन प्रश्नों को रखें। यदि आप कोचिंग संस्थान ज्वाइन करते हैं, तो इस तरह के टेस्ट पेपर आसानी से मिल जाते हैं अन्यथा आप घर पर रहकर भी यह काम कर सकते हैं। सबसे पहले पहली सूची के सरल प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें व उसमें एक निर्धारित समय सीमा के भीतर महारत हासिल करें। इसके बाद कठिन व अति कठिन प्रश्नों को भी इसी तरह से हल करने का प्रयास करें। आप धीरे-धीरे अंतिम सूची के प्रश्नों को सॉल्व करने की कोशिश करेंगे, तो आपका कॉन्फिडेंस लेवल काफी बढ जाएगा और स्ट्रॉन्ग और वीक एरिया से भी अच्छी तरह वाकिफ हो जाएंगे। इस समय आप अपनी सुविधा के अनुसार कमजोर पक्ष को अधिक समय दे सकते हैं। एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि मैथ्स में यदि कमजोर हैं, तो दोनों विषय में अच्छा स्कोर करने के बावजूद सफलता मिलने में संदेह है। आपके लिए बेहतर होगा कि आप सभी विषयों के लिए एक समय निर्धारित कर लें और उसी के अनुरूप तैयारी को अंतिम रूप दें, तो बेहतर होगा।
फाइनल स्टेज -
सिलेबस के अनुसार रिवीजन करें।
सब्जेक्ट आधारित तैयारी करें।
शारीरिक व मानसिक रूप से फिट रहें।
बारहवीं के स्टूडेंट्स के लिए बेहतर होगा कि वह अपनी बारहवीं की परीक्षा के लिए भी समय दे। अब स्ट्रेटेजी यह होनी चाहिए कि इस बचे हुए समय में सिलेबस की संपूर्ण तैयारी हो जाए। आईआईटी परीक्षा के लिए लगभग 6 महीने शेष हैं।
फाइनल 6 माह की तैयारी
अक्टूबर और नवंबर : इस समय आप सिर्फ ग्यारहवीं और बारहवीं की एनसीईआरटी पुस्तकों को पढें। इसका अधिक से अधिक रीविजन करें और संबंधित प्रश्नों को हल करने का खूब अभ्यास करें। आपकी तैयारी इस लेवल पर पहुंच जानी चाहिए कि आप सभी तरह के प्रश्नों का जवाब देने में सक्षम हों। यदि आपका बेसिक्स मजबूत है, तो आप इसे आसानी से कर सकते हैं।
दिसंबर और जनवरी : आप दूसरे स्टेज की तैयारी शुरू कर दें। आप आईआईटी के पिछले वर्षो के प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। अभ्यास के दौरान लगभग एक तिहाई प्रश्न आप आसानी से साल्व कर लेंगे। जो प्रश्न नहीं साल्व कर पा रहे हैं, उसमें एक स्टार लगाएं और जो प्रश्न नहीं समझ पा रहे हैं, उसमें डबल स्टार लगाएं। एक महीने में आप कम से कम दस से पंद्रह वर्षो के प्रश्नों को अवश्य साल्व करें। इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को अधिक से अधिक साल्व करने की कोशिश करें। इस समय सिर्फ आपका ध्यान अधिक से अधिक नए और पुराने प्रश्नों को हल करने पर होना चाहिए।
फरवरी: इस समय आप एक स्टार और दो स्टार वाले प्रश्नों को साल्व करने का अभ्यास करेंगे, तो आपकी बेहतर तैयारी हो पाएगी। आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आपने जितने भी स्टार लगाए हैं, सभी को अच्छी तरह से साल्व करें। इस समय अधिक से अधिक समय पढाई पर देना चाहिए। कुछ स्टूडेंट्स तो इस समय 16 घंटे तक पढाई करते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपना बेस्ट किस प्रकार कर सकते हैं। यह समय आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। हमेशा स्वस्थ रहने की कोशिश करें और 6 घंटे की नींद अवश्य लें। मार्च : इस महीने में कुछ भी नया पढने से बचें। सिर्फ टेस्ट दें। आप किसी एक टेस्ट पेपर को लें और निर्धारित समय सीमा के अंदर उसे साल्व करने का अभ्यास करें। जहां भी गलती कर रहे हों, उसे तुरंत सुधारें और यदि कहीं चूक कर रहे हैं, तो अगली बार उससे बचने की कोशिश करें। यदि इस तरह के अभ्यास परीक्षा के एक दिन पहले तक करते हैं, तो कोई कारण नहीं कि आप इस परीक्षा में सफल न हो सकें।
मैथ्स
सुपर थर्टी के संस्थापक आनंद कुमार कहते हैं कि आईआईटी की परीक्षा में मैथ्स का काफी महत्व होता है। इसमें जो काफी स्ट्रॉन्ग होते हैं, उनका सेलेक्शन औरों की अपेक्षा अधिक होता है। आईआईटी की तैयारी के लिए काफी दिनों से मैथ्स पढा रहे अशीष विशनोई एवं अनुराग विशनोई का कहना है कि वैसे तो मैथ्स में सभी कुछ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन यदि आपको पता हो कि चेप्टर से लगभग कितने प्रश्न पूछे जाएंगे, तो तैयारी आसान हो जाती है। उनके अनुसार कैलकुलस से सर्वाधिक चालीस प्रतिशत प्रश्न पूछे जाते हैं। उसके बाद एलजेब्रा 30, कॉर्डिनेट ज्यामिति से 20 और वेक्टर व थ्री डी ज्यामिति से 5 प्रतिशत प्रश्न आते हैं।
फिजिक्स
फिजिक्स के टीचर अनीस श्रीवास्तव का कहना है कि प्रत्येक स्टूडेंट्स को बेसिक कॉन्सेप्ट से तैयारी करना चाहिए। पिछले वर्षों के प्रश्नों को देखेंगे, तो तैयारी करने में आसानी हो जाएगी। यदि आप प्रश्नों को देखें, तो फिजिक्स में इलेक्ट्रीसिटी, मैगनेटिज्म, ऑप्टिक्स, मैकेनिक्स से लगभग 70 प्रतिशत प्रश्न पूछे जाते हैं। थर्मोडायनमिक्स और मॉडर्न फिजिक्स से 20 प्रतिशत और जनरल फिजिक्स से 10 प्रतिशत प्रश्न आते हैं।
केमिस्ट्री
केमिस्ट्री के विशेषज्ञ पंकज अग्रवाल बताते हैं कि जेईई में होने वाले दोनों पेपरों को ऐसा डिजाइन किया जाता है, जिसमें प्रत्येक टॉपिक कवर हो। केमिस्ट्री में ऑर्गेनिक, मैकेनिज्म, केमिकल बॉन्डिंग, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन फैमिली, फिजिकल केमिस्ट्री आदि काफी महत्वपूर्ण होते हैं। आप इनकी तैयारी जमकर करें। केमिस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि तैयारी बेसिक कांसेप्ट से करनी चाहिए। यदि आर्गेनिक, इनआर्गेनिक एवं फिजिकल केमेस्ट्री के प्रमुख चेप्टरों का जमकर अध्ययन किया जाए तो जेईई में बेहतर परसेंटेज आ सकते हैं।
टेंशन फ्री होकर करें तैयारी
वैसे तो सभी परीक्षाएं कठिन होती है, लेकिन आईआईटी परीक्षा और भी कठिन मानी जाती है। यही कारण है कि इसमें सफलता उन्हीं को मिलती है, जो टेंशन फ्री होकर तैयारी करते हैं।
कम से कम 6 घंटे की नींद अवश्य लें।
30 मिनट समय फिजिकल एक्टिविटीज पर दें। ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहेगा और स्टूडेंट जो पढेगा, उस पर भरोसा रहेगा।
जो चेप्टर अच्छे लग रहें हों, उन्हें ज्यादा पढें।
टेक्स्ट बुक ज्यादा पढें,और उसमें जो भाषा लिखी है उस पर अधिक ध्यान दें।
फार्मूलों में उलझने की कोशिश न करें, बल्कि यह जाने कि यह फार्मूले कै से निकले हैं।
आईआईटी में आने के लिए सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन करना जरूरी है।
यह सोचकर एग्जाम में न बैठें कि भविष्य दांव पर लगा है। डीप एजुकेशन हासिल की है तो निश्चित ही बेहतर रिजल्ट हासिल होगा। क्योंकि भारत के इसरो जैसे संस्थानों में मात्र 20 प्रतिशत आईआईटियन है। शेष अन्य संस्थानों से शिक्षा पाए विद्वान कार्यरत हैं-प्रो. एच.सी. वर्मा,डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, आईआईटी, कानपुर
कुछ भी कर गुजरने का जुनून जरूरी
सुपर 30 से आईआईटी की तैयारी करने के इच्छुक स्टूडेंट्स से दो तरह के टेस्ट लिए जाते हैं। पहली स्टेज में नवीं और दसवीं की एनसीईआरटी पुस्तकों से पीसीएम से संबंधित सवाल हल करने के लिए दिए जाते हैं। जो विद्यार्थी सर्वश्रेष्ठ होते हैं, उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू में स्टूडेंट्स से इस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं जिससे उनके जुनून, सोचने की क्षमता, प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपिसिटी और क्रिएटिव सोच आदि का पता चल जाता है। जो लोग हमारे पैमाने में खरे उतरते हैं उन्हें ही हम अपने यहां प्रवेश देते हैं। आईआईटी की तैयारी के लिए कोचिंग की अनिवार्यता नहीं है। अगर सिस्टमेटिक पढाई की जाए तो घर पर भी इसकी अच्छी तैयारी की जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि 11वीं एवं 12वीं की एनसीईआरटी की पुस्तकों का जितनी बार हो सके उतनी बार रिवीजन किया जाए। आईआईटी के पिछले प्रश्नपत्रों का अधिक से अधिक अभ्यास किया जाए। तैयारी करते समय जो कठिन प्रश्न मिलें या जिनमें आपको परेशानी होती है, उन्हें अलग नोट कर लें। ऐसे प्रश्नों का दिन में एक बार अभ्यास जरूर करें। इस तरह कठिन प्रश्नों में भी महारत हासिल हो जाएगी। परीक्षा के दिन जब करीब आ जाएं तो केवल वही चीजें पढें जो अच्छी तरह आती हैं। घर पर इस तरह से किए गए अभ्यास से कोचिंग की आवश्यकता नहीं पडेगी-आनन्द कुमार,संस्थापक सुपर 30, पटना
देश में आईआईटी
आईआईटी खडगपुर (वेस्ट बंगाल)
आईआईटी मुंबई (महाराष्ट्र)
आईआईटी मद्रास (तमिलनाडु)
आईआईटी कानपुर (उत्तर प्रदेश)
आईआईटी दिल्ली (दिल्ली)
आईआईटी रुडकी (उत्तराखंड)
आईआईटी रोपड (पंजाब)
आईआईटी भुवनेश्वर (उडीसा)
आईआईटी हैदराबाद (आंध्र प्रदेश)
आईआईटी गांधी नगर (गुजरात)
आईआईटी पटना (बिहार)
आईआईटी जोधपुर (राजस्थान)
आईआईटी इंदौर (मध्यप्रदेश)
आईआईटी मंडी (हिमाचल प्रदेश)
आईआईटी बीएचयू (उत्तर प्रदेश)(दैनिक जागरण,15 सितम्बर,2010)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।