मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

11 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ःप्रधानपाठक परीक्षा की पोल खुलते ही बदल दी सूची

शिक्षाकर्मियों को प्रधानपाठक बनाने की परीक्षा में धांधली के आरोपों के बीच बलौदाबाजार जिला शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार शाम आनन-फानन में 580 प्रधानपाठकों की अंतरिम सूची जारी कर दी। विवाद से बचने के लिए विभाग ने पुरानी सूची बदल दी है।

मेरिट में आई मंत्री के पीए की पत्नी और सहायक शिक्षा अधिकारी सीआर साहू के बेटे का नाम शुक्रवार को जारी सूची से गायब है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि विवाद की वजह से अंतिम सूची जारी नहीं की गई।

तीन दिन का समय दावा-आपत्ति पेश करने के लिए दिया गया है। इसके बाद अंतिम सूची जारी होगी। रायगढ़ और बिलासपुर में प्रधान पाठक की सूची में गड़बड़ी की जांच शुरू हो गई है।

जिला पंचायत इस चयन के खिलाफ पहले ही मोर्चा खोल चुकी है। शिक्षाकर्मी पंचायत के अधीन होते हैं। परीक्षा आयोजित करने के पहले शिक्षाविभाग ने जिला पंचायत तो क्या, जिला प्रशासन को भी दूर रखा। बखेड़ा होने के बाद जिला प्रशासन ने पूरी सूची बुलवाकर उसका परीक्षण करवाया था।


जिला प्रशासन को जांच में जब कोई गड़बड़ी नहीं मिली तो सूची को हरी झंडी दे दी गई। भास्करमें आज खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। 

बिना काउंसिलिंग के सहायक शिक्षा अधिकारी सीआर साहू ने प्रधान पाठकों को स्कूलों तक का आबंटन कर दिया। इसमें बलौदाबाजार के शिक्षा अधिकारी के करीबी रिश्तेदारों के नाम अब भी शामिल हैं। 

सूची जारी होने के बाद भी चयनित प्रधान पाठक दुविधा में हैं। प्रधान पाठक के रूप में ज्वाइनिंग के लिए शिक्षाकर्मी के पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। शिक्षाकर्मियों को डर है कि अगर भर्ती निरस्त हो गई, तो दोनों नौकरियां उनके हाथ से जाती रहेंगी। 

रायगढ़ में जांच शुरू 
भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद रायगढ़ में शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति परीक्षा की जांच शुरू हो गई है। परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत के बाद कलेक्टर अशोक अग्रवाल ने डिप्टी कलेक्टर राजेंद्र गुप्ता को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। 

अशोक अग्रवाल का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। 560 पदों पर हुई परीक्षा में 981 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। 551 शिक्षाकर्मियों की सूची जारी होने के बाद प्रधान पाठक बनने से वंचित रह गए सैकड़ों शिक्षाकर्मियों ने उत्तर पुस्तिका और टेबुलेशन में अलग-अलग अंक होने की शिकायत की थी। 

1058 आपत्तियों का क्या होगा ?

बिलासपुर में प्रधान पाठक पदोन्नति की अंतरिम सूची तीसरी बार जारी करने की तैयारी की जा रही है। सूची पर 1058 दावा-आपत्तियां लगी हैं। आपत्तियों का बिना निराकरण किए ही सोमवार को सूची जारी करने की तैयारी की जा रही है। 

सीधी भर्ती के हिसाब से जारी होने वाली सूची में सामान्य वर्ग के लगभग 60 उम्मीदवार बाहर हो जाएंगे। इन उम्मीदवारों को अपना पक्ष रखने के लिए एक और अवसर दिया जाएगा। 

खड़े हैं सवाल 
*परीक्षा सीधी भर्ती है या पदोन्नति, अभी तक स्पष्ट नहीं है। सीधी भर्ती का अधिकार केवल राज्य शासन के पास है। 

*बलौदाबाजार में उत्तर पुस्तिकाएं कहां और कैसे जांची गई, इसे लेकर शक। 

*बलौदाबाजार के सेक्रेट हाई स्कूल सेंटर के परीक्षार्थी सबसे ज्यादा पास हुए। 

*परीक्षा में 10 सवाल गलत थे। चार सवाल आउटआफ कोर्स थे। 

*पूरे राज्य में परीक्षा का पैटर्न अलग-अलग। 

*शिक्षाकर्मी मूलत: जिला पंचायत और जनपद पंचायत के कर्मचारी हैं। नियमानुसार शिक्षाविभाग की परीक्षा में बैठने के पहले उनको पंचायत से अनुमति लेनी चाहिए थी। ऐसा नहीं किया गया।

सीएम से करेंगे शिकायत 
जिला पंचायत रायपुर के संकर्म एवं संचार समिति के सभापति मुरारी मिश्रा एवं सदस्य सुनील माहेश्वरी का आरोप है कि नियमों की अनदेखी करते हुए सूची जारी कर दी गई। जारी अंतरिम सूची को निरस्त कराने के लिए जिला पंचायत के सदस्य मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी शिकायत करेंगे। राज्यपाल से भी मुलाकात का समय मांगा गया है। स्कूल शिक्षा सचिव एमके राउत से भी इसकी शिकायत की जाएगी। 

हाईकोर्ट में याचिका दायर 
राजनांदगांव जिले में प्रधान पाठक परीक्षा पर लगी रोक से प्रभावित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई अगले सप्ताह डिवीजन बेंच करेगी। याचिकाकर्ता संत कुमार ने न्यायालय को बताया है कि वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दिया जाना चाहिए। 

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने परिणामों पर रोक लगा दी थी। लंबा समय बीत जाने के बाद भी शासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।इसे देखते हुए उन्होंने दोबारा हस्तक्षेप याचिका दायर की(असगर खान और अभिषेक,दैनिक भास्कर,रायपुर-बलौदाबाजार,11.12.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।