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09 दिसंबर 2010

म्यूजियोलॉजी में करिअर

किसी भी देश की संस्कृति को समझने का सबसे अच्छा जरिया उसके इतिहास पर नजर डालना होता है। अगर आपको किसी देश की समृद्ध विरासत, धरोहर और संस्कृति को संजोते हुए इससे जुड़ने में रुचि है, तो म्यूजियोलॉजी में कॅरियर बना सकते हैं।

म्यूजियम वैज्ञानिक, कलात्मक या ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वस्तुओं को एक छत के नीचे संरक्षित व सुरक्षित रखने की जगह है। ताकि आमजन और देसी-विदेशी सैलानी इसे सुविधानुसार आकर देख सकें। इससे हमें पूर्व के समय के बारे में आसानी से जानने का मौका मिलता है। इसमें प्रागैतिहासिक काल से पहले की भी विभिन्न जानकारियां शामिल होती हैं। उस समय के लोगों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण, रोजमर्रा की वस्तुएं, संस्कृति, तौर-तरीके और जीवन शैली के बारे में थोड़ा-बहुत पता चलता है। यह सिलसिला एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होता रहता है।

म्यूजियम का महत्व
म्यूजियम का सामाजिक और शैक्षणिक महत्व भी है, इसलिए आजकल इन्हें अधिक जानकारी प्रधान बनाया जा रहा है। म्यूजियम विभिन्न तरह के होते हैं, जैसे-आर्ट म्यूजियम, ऐतिहासिक म्यूजियम, आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम, विज्ञान, तकनीक, मैरीटाइम, मिल्रिटी और वॉर म्यूजियम इत्यादि। म्यूजियम की व्यवस्था और प्रबंधन के अध्ययन को म्यूजियोलॉजी कहते हैं। दूसरे शब्दों में म्यूजियोलॉजी म्यूजियम का विज्ञान है और म्यूजियम स्टडीज इसके अकादमिक कार्यक्रमों को कहते हैं। एक तरह से कह सकते हैं कि म्यूजियम हमारी संस्कृति और धरोहर का संग्रह स्थल है।

कॅरियर

म्यूजियोलॉजी का कॅरियर उन लोगों को ज्यादा सूट करता है, जिनकी सोच विश्लेषणात्मक होती है और जिन्हें इतिहास को जानने में रुचि हो। यह ऐसा पेशा है जिसमें इतिहास के बारे में किताबों के जरिए नहीं बल्कि म्यूजियम में सहेजी गई वस्तुओं से जाना जाता है। इससे एक फायदा हमारे इतिहास को सहेजने के साथ ही इसे आज की पीढ़ी के लिए उपलब्ध करवाना भी है। म्यूजियम की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को म्यूजियोलॉजिस्ट कहते हैं। म्यूजियोलॉजिस्ट के कार्य में इतिहास की जानकारी जुटाकर उसका बेहतर रख-रखाव करना शामिल है। म्यूजियोलॉजी में म्यूजियम का व्यवस्थापन, वस्तुओं को संगठित करना, डॉक्यूमेंटेशन व रिसर्च, एक्जीबिशन, संरक्षण व बचाव शामिल है। कुछ वर्ष पहले तक म्यूजियोलॉजी का ताल्लुक सिर्फ आर्कियोलॉजी, कला व पेंटिंग्स से था। लेकिन अब इसमें एंथ्रोपोलॉजी, आर्म्स एंड आर्मर, न्यूमिस्मैटिक्स, इपिग्राफी व ज्वेलरी भी शामिल हो चुकी है। 


शैक्षणिक योग्यता
म्यूजियोलॉजी के लिए न्यूनतम शिक्षा विज्ञान, इतिहास, कला इतिहास, फाइन आर्ट्स या आर्कियोलॉजी से स्नातक या स्नातकोत्तर होना है। इसमंे पीएचडी करने के लिए स्नातक या स्नातकोत्तर में 50 फीसदी अंक होना चाहिए। किसी एक प्राचीन या विदेशी भाषा जैसे संस्कृत, पर्शियन, अरबी, ग्रीक, लातिन, जर्मन, फ्रेंच या इटेलियन की जानकारी आपके लिए लाभदायक साबित होती है। इसके स्नातक कार्यक्रम में म्यूजियोलॉजी का पेशेवर अंदाज से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस तरह के कोर्स में सेमिनार, अतिथि वक्ताओं को बुलाकर, फील्ड ट्रिप्स, लेबोरेटरी में और इंटर्नशिप के जरिए सिखाया जाता है। 

व्यक्तिगत योग्यता
म्यूजियोलॉजी उन लोगों के लिए रुचिकर क्षेत्र साबित हो सकता है जो इतिहास के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं। इस काम में धर्य की बहुत आवश्यकता होती है। साथ ही काम के सिलसिले में काफी सफर भी करना पड़ता है। इन अभ्यर्थियों को कला मंे रुचि के साथ ही इसकी पहचान भी होना चाहिए। इन्हें कई शहरों में कार्य करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि किसी भी शहर में एक-दो से ज्यादा म्यूजियम नहीं होते। 

कार्य का प्रारूप
म्यूजियोलॉजिस्ट्स किसी म्यूजियम से बतौर क्यूरेटर जुड़ सकते हैं। यह छात्रों और अध्ययनरत लोगों को सीखने में बहुत मदद करते हैं। क्यूरेटर ही आगे चलकर म्यूजियम के निर्देशक भी बन सकते हैं। इसके अलावा लाइब्रेरियन, हिस्टोरियन या आर्काइविस्ट के तौर पर भी इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र से जुड़ा जा सकता है।

पारिश्रमिक
सरकारी क्षेत्र में शुरुआती वेतन भले बहुत आकर्षक न हो लेकिन निजी क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं हैं। यहां वेतन 15-30 हजार रुपए के बीच हो सकता है। 

रोजगार की संभावनाएं
अपने इतिहास और धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित करने की जागरूकता बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में पेशेवर लोगों की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। भारत में लगभग एक हजार से अधिक म्यूजियम हैं, जो रोजगार के रास्ते खोलते हैं। इसमें केंद्र सरकार से लेकर, जिला स्तर और ट्रस्ट म्यूजियम तक शामिल हैं। कोई भी म्यूजियम उस जगह की संस्कृति व इतिहास को जानने का जरिया है। म्यूजियोलॉजी में कॅरियर बनाने के लिए म्यूजियम निर्देशक, क्यूरेटर, एजुकेटर, एक्जिबिट डिजाइनर, आर्काइविस्ट और कंजेर्वेशन स्पेशलिस्ट शामिल हैं। म्यूजियोलॉजिस्ट्स सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न म्यूजियमों, निजी म्यूजियम में रोजगार तलाश सकते हैं(दैनिक भास्कर,6.12.2010)।

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