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10 दिसंबर 2010

डीयू कोर्सःसॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपमेंट

सूचना तकनीक के इस दौर में कंप्यूटर और मोबाइल के जरिए नए-नए सॉफ्टवेयर्स ने बाजार में अपनी धूम मचा रखी है। साल गुजरा नहीं कि नये सॉफ्टवेयर से लैस मोबाइल उपभोक्ताओं को अपनी ओर खींचने लगते हैं। किसी सेट में बेहतर फीचर होता है तो किसी में नए गेम और अन्य सुविधाएं। कंप्यूटर में ऑफिस से लेकर घर तक के काम को आसान बनाने के लिए आए दिन सॉफ्टवेयर में बदलाव लाए जा रहे हैं।

ये सॉफ्टवेयर किस दिमाग की उपज है? इसे कैसे तैयार किया जाता है? ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रख कर सॉफ्टवेयर कैसे विकसित करना है? और फिर उनके बीच कैसे बेचना है? इसकी कला बाकायदा कोर्स के रूप में तब्दील हो गई है। इस कला और इससे जुड़े हुनरमंद लोगों को तैयार करने के लिए ही कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय में कोर्स शुरू किया है। कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 6 दिसम्बर है।

कोर्स क्या है

कैम्पस ऑफ ओपन लर्निंग में पार्ट टाइम रूप में चलाया जा रहा यह कोर्स आज कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से जुड़े क्षेत्र में दक्ष युवाओं को तैयार करने का काम कर रहा है। बीए और एमए करने के बाद रोजगारपरक स्किल नहीं होने के कारण ज्यादातर युवा काम की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं। सूचना और तकनीक इंडस्ट्री में काम के अवसर तो होते हैं, पर ऐसे लोग नहीं होते, जो इसे बखूबी कर सकें।


उद्योग जगत से जुड़ी संस्था सीआईआई कैम्पस में इस उद्देश्य को लेकर ही सक्रिय हुई है। छह माह के इस कोर्स में चार महीने थ्योरी की पढ़ाई कराई जाती है। उसके बाद दो माह की इंटर्नशिप कराई जाती है। इसके तहत छात्रों को नये-नये सॉफ्टवेयर टूल्स और तकनीक के बारे में बताया जाता है। कंप्यूटर और मोबाइल आदि में सॉफ्टवेयर के रोल से रूबरू कराया जाता है। इसमें जावा और नेट जैसी चीजें भी शामिल हैं। सॉफ्टवेयर कैसे तैयार किए जाते हैं? उनका विकास किन-किन रूपों में होता है? इसकी जानकारी दी जाती है। उनका इस्तेमाल किस रूप में होता है और आम लोगों को इसके फायदे क्या हैं, इन सबके बारे में बताया जाता है। इस तरह की थ्योरी के साथ-साथ कस्टमर सर्विस, अंग्रेजी में बातचीत और काम से जुड़े टूल्स की जानकारी दी जाती है।

दाखिला कैसे पाएं

इस कोर्स में दाखिला उन्हीं छात्रों को दिया जाता है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के किसी रेगुलर या पत्राचार संस्थान में अध्ययनरत हैं, चाहे वे साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स, किसी भी विषय के छात्र हों। दाखिले के लिए एक टैस्ट होता है, जिसमें आईक्यू और अंग्रेजी भाषा व सामान्य ज्ञान की परख की जाती है। दाखिले के बाद केशवपुरम महाविद्यालय की पुरानी बिल्डिंग में सप्ताह में तीन दिन कक्षाएं होती हैं। इस कोर्स को रेगुलर कोर्स के साथ भी किया जा सकता हैं। आवेदन फॉर्म केशवपुरम स्थित कार्यालय में सभी कार्यदिवस को 10 से 5 बजे तक प्राप्त किए जा सकते हैं। कोर्स की कक्षाएं जनवरी में शुरू होंगी। कोर्स की फीस 24,500 रुपये है।

विशेषज्ञ की राय

सीओएल की निदेशक सविता दत्ता ने बताया कि यह कोर्स आज छात्रों को प्रोग्रामिंग, टैस्टिंग, डाटाबेस मैनेजमेंट और वेबसाइट डेवलमेंट के क्षेत्र में रोजगार दिलाने में विशेष रूप से कारगर है। आईटी क्षेत्र में ऐसे लोगों के लिए कई अवसर हैं। कोर्स के साथ ही इससे जुड़े काम पर कमांड रखने वाले छात्र अपना निजी व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। छात्रों को ऑन हैंड ट्रेनिंग देने के लिए कंप्यूटर लैब भी तैयार की गई है(प्रियंका कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,30.11.2010)।

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