मुख्य परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट छात्रों को अब आवेदन करते ही उत्तर पुस्तिका की फोटो कापी मिलेगी। इसका आंकलन करने के बाद छात्र पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इससे छात्र या मूल्यांकनकर्ता की गलती पहले चरण में ही सामने आएगी। साथ ही पुनमरूल्यांकन में भी कम समय लगेगा। इस मुद्दे पर गुरुवार को दोपहर तीन बजे होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है।
अब तक परिणाम से असंतुष्ट छात्र पहले पुनमरूल्यांकन के लिए आवेदन करते थे। उसकी जांच के बाद फिर से नतीजे घोषित होते थे। इससे भी असंतुष्ट छात्र फोटोकापी की मांग करते थे। इसके आंकलन के बाद वे मूल्यांकन में लापरवाही होने और मिले अंकों से अधिक अंक मिलने का दावा करते थे।
उनके दावों के बाद फिर से तीन प्राध्यापकों की टीम बनाई जाती और कापियों का फिर से मूल्यांकन होता। इस सारी प्रक्रिया में लगभग पूरा साल ही बीत जाता था। कुलसचिव केके चंद्राकर ने बताया कि बैठक में इसके अलावा साल भर की रिपोर्ट रखी जाएगी। करीब दो दर्जन बीएड कालेजों की मान्यता पर भी विचार-विमर्श होगा।
इसके अलावा कार्यपरिषद के नए सदस्यों डॉ. आर सुब्रम्णयम्, डॉ. जगदीश गंगवानी, डॉ. दीपक कारकून, डॉ. अरविंद गिरोलकर, ललित सुरजन का स्वागत होगा। डॉ. अंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जीबी गुप्ता का बतौर सदस्य दूसरा कार्यकाल शुरू होगा।
कार्यपरिषद में अपनी बातों को रखने के लिए पं. रविवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर और सचिव प्रदीप कुमार मिश्र ने कुलपति से समय मांगा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल स्थगित की गई थी।
लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्यवाई नहीं की गई। न तो कर्मचारियों से अग्रिम की वसूली हो रही है और न ही पदोन्नति की जा रही है। 17 महीने से एरियर्स का भुगतान भी रुका हुआ है।
(दैनिक भास्कर,अभिषेक,30.12.2010)
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