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14 दिसंबर 2010

डीयूःकैंपस में होगा सेमेस्टर का राज

डीयू में 2011 सेशन से ग्रैजुएशन के सभी कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम लाने की तैयारी है। जल्द ही इसके लिए कोर्स रिविजन की प

्रक्रिया शुरू होने वाली है। अगले साल से बीकॉम ऑनर्स, बीकॉम, बीए, पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स, हिस्ट्री ऑनर्स, मैथ्स ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स समेत सभी कोर्सेज को सेमेस्टर के दायरे में लाया जाएगा। टीचर्स के भारी विरोध के चलते इस साल साइंस के 13 कोर्सेज में ही सेमेस्टर सिस्टम लागू हो पाया था। लेकिन अब वाइस चांसलर प्रोफेसर दिनेश सिंह का कहना है कि पूरी उम्मीद है अगले साल जुलाई में नए सेशन में एडमिशन लेने वाले सभी स्टूडेंट्स सेमेस्टर के हिसाब से ही पढ़ाई करेंगे।

डीयू में पोस्ट ग्रैजुएशन लेवल पर सेमेस्टर सिस्टम लागू हो चुका है और अगले साल ग्रैजुएशन लेवल पर भी इसे लागू करने का काम शुरू हो गया है। प्रो. सिंह ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम में स्टूडेंट्स को नए विकल्प मिलेंगे। सालों से एक ही ढर्रे पर चल रहे कोर्सेज को नया रूप दिया जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि विषयों को एक-दूसरे से जोड़ा जा सकता है। हर कोर्स की जरूरतों के मुताबिक कुछ नए सब्जेक्ट भी शामिल किए जाएंगे। मैथ्स, कंप्यूटर साइंस के पेपर को भी इस सिस्टम में लाया जाएगा। अभी साइंस के भी कुछ कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम लागू होना बाकी है। कोर्सेज का रिविजन यूनिवर्सिटी नियमों के दायरे में होगा। कोर्स तैयार करने वाली कमिटी स्टूडेंट्स के करियर को ध्यान में रखते हुए सिलेबस तैयार करेगी।

डीयू टीचर्स असोसिएशन (डूटा) के विरोध के चलते ही सेमेस्टर सिस्टम को सभी कोर्सेज में लागू नहीं किया जा सका था। साइंस के कोर्सेज में भी इसके हिसाब से पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। बाद में हाई कोर्ट में मामला जाने के बाद पढ़ाई शुरू हुई। माना जा रहा है कि अब यूनिवर्सिटी को सेमेस्टर लागू करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

सबसे पहले यूनिवर्सिटी कॉमर्स और मैथ्स कोर्सेज के सिलेबस को पूरा करने का काम शुरू कर रही है। बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम कोर्सेज का सिलेबस तो तैयार हो चुका है लेकिन इसमें काफी बदलाव होंगे। यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि सिलेबस में अभी खामियां हैं और मौजूदा दौर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने डीयू को सलाह दी थी कि सेमेस्टर सिस्टम को लेकर कमिटी बनाई जाए, जिसमें यूजीसी का प्रतिनिधि भी हो। यूनिवर्सिटी ने भी कहा है कि कोर्सेज को लेकर जो भी ऐतराज हैं, उन्हें सुना जाएगा और बदलाव भी किए जाएंगे। सेमेस्टर के हिसाब से जो कोर्स तैयार किए जा रहे हैं, उनमें 100-100 नंबर के 24 पेपर रखे जा रहे हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,14.12.2010)। 

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