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10 दिसंबर 2010

एनआईटी जालंधर में पहले भी हो चुका है बवाल

एनआईटी में बुधवार को हुए हंगामे के बाद पिछले साल का बवाल फिर लोगों के जेहन में आ गया। देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में शुमार नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट आफ इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन मैनेजमेंट के एक शिक्षक ने बुधवार को मीटिंग में हंगामा कर दिया था। यही शिक्षक पिछले साल भी विवादों में घिर चुका है। नवंबर 2009 में टेक्निटी प्रोग्राम के समय विद्यार्थियों के साथ कहासुनी हुई थी, जिस पर शिक्षक ने एक विद्यार्थी को थप्पड़ जड़ दिया था। उसके बाद छात्रों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिस कारण एक सप्ताह संस्थान को बंद रखना पड़ा था। उस समय आरोपी शिक्षक को जांच कमेटी ने छह माह तक आब्जर्वेशन में रखे जाने का दंड दिया था। इतना ही नहीं एक अन्य शिक्षक के साथ हाथापाई का आरोपी भी उक्त शिक्षक पर लग चुका है।

मेरे पति के खिलाफ हुई साजिश
इस बीच आरोपी शिक्षक की पत्नी ने पत्रकारों के सामने पति की तरफ से सफाई पेश की है। उन्होंने कहा, विभाग और संस्थान में उनके पति के खिलाफ साजिश हुई है। जब भी वह संस्थान व विभाग के किसी गलत कार्य पर स्टैंड करते हैं तो उन्हें फंसा दिया जाता है। पिछले साल भी टेक्निटी के दौरान कुछ शिक्षक उन्हें हास्टल लेकर गए थे, जहां लड़के शराब पीकर हंगामा कर रहे थे। जब उनके पति ने विरोध किया तो बाकी शिक्षक पीछे हट गए और उन्हें फंसा दिया। बुधवार की घटना के संदर्भ में उन्होंने कहा, एक जूनियर शिक्षक ने उनके पति के साथ अभद्रता की थी। उन्होंने विरोध किया तो चार शिक्षक ने मिलकर उनके पति की पिटाई कर दी। अपने बचाव के लिए गाड़ी से लोहे का रॉड निकला तो रजिस्ट्रार व कार्यकारी निदेशक के सामने इश्यू बना दिया गया।

मामला थाने तक पहुंचा

एनआईटी में हंगामा करने का मामला संस्थान परिसर से निकलकर मकसूदां थाने तक पहुंच चुका है। आरोपी शिक्षक ने अपने सहयोगियों के विरुद्ध मारपीट की शिकायत मकसूदां थाने में दर्ज कराई है। इसकी जांच करने वीरवार को एसएचओ संस्थान परिसर गए हुए थे। एसएचओ को यह कहते हुए लौटा दिया गया कि मामले की संस्थान स्तर पर जांच चल रही है। जल्द से इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

नहीं मिली जांच रिपोर्ट
एनआईटी में बुधवार को इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन डिपार्टमेंट के शिक्षकों के बीच हुई मारपीट मामले की जांच कर रही कमेटी ने अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है। मालूम हो कि जांच कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए मात्र चौबीस घंटे का समय दिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि मामले में शामिल कुछ शिक्षकों के छुट्टी पर होने के चलते जांच पूरी नहीं हो पाई है। जल्द ही जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी(अखंड प्रताप सिंह,दैनिक भास्कर,जालंधर,10.12.2010)।

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