उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय का नारा अलीगढ़ के 36 हजार बेरोजगारों के लिए युवजन रुलाय बन गया है। संदर्भ उस नौकरी का है, जिसका सपना दो साल पहले दिखाया गया था। जिला स्तर पर जो आवेदन मंगाए गए, वे शायद धूल फांकने के लिए थे। सरकार ने उम्मीद जगाई पर निराश करने के लिए। इस कदर कि सैकड़ों अभ्यर्थियों की उम्र ही निकल गई। अफसरों से पूछिए तो शासन के आदेश का रोना रोएंगे। करीब डेढ़ साल पहले आम चुनाव हुए थे। आम चुनाव से छह महीने पहले राजस्व विभाग, जिला पंचायतराज अधिकारी व जिला विकास अधिकारी कार्यालय में समूह ग के पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। इनमें ग्राम पंचायत अधिकारी के 22 पदों पर 16 हजार से अधिक आवेदन आए। ग्राम विकास अधिकारी के इतने ही पदों पर करीब 14 हजार आवेदन मिले। इसके अलावा राजस्व विभाग में 24 लेखपालों की नियुक्ति के लिए भी आवेदन मांगे गए थे। इसके लिए छह हजार अभ्यर्थियों ने अर्जी लगाई। आवेदनों को कैटेगरी के हिसाब से छांट लिया गया था। जिला प्रशासन ने तीनों विभागों में एक साथ नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी भी कर ली थी। तीनों की परीक्षा एक ही दिन कराने का निर्णय भी हो गया था ताकि एक आवेदक एक ही परीक्षा में बैठ सके। इसी बीच लोस चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई और सब ठप हो गया। खैर, लोकसभा चुनाव हो गए और डेढ़ साल बीत चुके मगर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। अब भर्ती की प्रक्रिया शुरू भी होगी तो आवेदन फिर से मांगे जाएंगे। ऐसे में वे सैकड़ों युवक रह जाएंगे, जिनकी उम्र अब निकल गई है। अफसर शासन के नए आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इन आवेदकों का दुख इस बात ने और बढ़ा दिया है कि आबकारी विभाग में चपरासी की भर्ती पूरी हो गई है और सिपाहियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही है। यह भी बता दें कि इन पदों के लिए छह महीने पहले ही आवेदन मांगे गए थे(राजीव शर्मा,दैनिक जागरण,अलीगढ़,२६.१२.२०१०)।
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