मध्यप्रदेश में हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना भोपाल में की जाएगी। विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में गठित उपसमिति की आज यहा बैठक हुई। बैठक में उपसमिति द्वारा हिन्दी विश्वविद्यालय के अधिनियम के प्रारूप पर चर्चा की गई। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकात शर्मा ने कहा कि हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना राच्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने उपसमिति के सदस्यों से अनुरोध किया की अधिनियम के प्रारूप का शीघ्र अंतिम रूप दें, ताकि हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्यवाई सम्पन्न हो सके।
उच्च शिक्षा मंत्री शर्मा ने बताया कि प्रस्तावित हिन्दी विश्वविद्यालय के लिए भोपाल में जमीन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्व विभाग को अनुरोध किया गया है। शासन का प्रयास है कि विश्वविद्यालय के लिए भूमि का चिन्हाकन शीघ्र हो जाए।
उपसमिति की बैठक में राजस्थान विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो.मधुकर श्याम चतुर्वेदी, प्राध्यापक मोहन लाल छीपा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.राम राजेश मिश्रा, हिन्दी ग्रंथ अकादमी भोपाल के संचालक डॉ.गोविंद प्रसाद शर्मा एवं उपसमिति के संयोजक आयुक्त उच्च शिक्षा राजीव रंजन उपस्थित थे।
उपसिमिति ने विश्वविद्यालय के अंतर्गत खोले जाने वाले संकायों पर भी चर्चा की। विश्वविद्यालय में साहित्य एवं भाषा, धर्म विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं कला, वाणिच्य एवं प्रबंधन, विज्ञान अभियात्रिकी एवं प्रौद्योगिकी, आयुर्विज्ञान, विधि एवं कृषि जैसे संकाय खोले जाएगें। यह संकाय हिन्दी में पाठ्य पुस्तकों और पाठ्यक्त्रमों की उपलब्धता के अनुरूप चरणबद्ध ढ़ग से प्रारंभ किये जायेगें।
उप समिति ने प्रस्तावित हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना पर आने वाले वित्तीय भार तथा आवश्यक पदों का भी आकलन किया। हिन्दी विश्वविद्यालय का उद्देश्य हिन्दी भाषा में शिक्षा और ज्ञान का अभिवर्धन और प्रसार करना है। विश्वविद्यालय सम्यताओं एवं संस्कृतियों के अध्ययन एवं अनुसंधान का कार्य भी करेगा। इस विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश होगा।
हिन्दी विश्वविद्यालय की साधारण परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। समिति द्वारा प्रस्तावित अधिनियम के प्रारूप के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री साधारण परिषद के उपाध्यक्ष होंगे(दैनिक जागरण,भोपाल,7.12.2010)।
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