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18 दिसंबर 2010

दिल्लीःनर्सरी दाखिले पर शिक्षा निदेशालय को नोटिस

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा प्री नर्सरी व प्रथम कक्षा में दाखिले के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश को शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) का उल्लंघन माना है। आयोग ने शिक्षा निदेशालय को नोटिस भेजा है। आयोग का कहना है कि सरकार ने दाखिले के लिए दोहरे मापदंड रखे हैं। इसके तहत एक श्रेणी के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि अन्य बच्चों की उपेक्षा की जाएगी। डीपीसीसीआर ने शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी निर्देश की जांच-परख करने के बाद दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव शिक्षा को नोटिस भेजा है। इसमें कहा है कि प्री नर्सरी व प्रथम कक्षा में बच्चों के दाखिले के लिए गैर सहायता प्राप्त एवं विशेष श्रेणी के स्कूलों के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किए हैं, सरकार उनका पुनर्मूल्यांकन करे। इसकी जानकारी के लिए नोटिस की प्रति दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के संबंध में आयोग ने पाया है कि आरटीई कानून की धारी 35 (1) के तहत केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह कानून के अनुपालन के लिए स्थानीय प्राधिकारी को निर्देश जारी कर सकती है। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देशों पर अपनी व्याख्या कर उसे परिवर्तित कर दिया है। इससे आरटीई एक्ट के प्रावधान का उल्लंघन हो रहा है। इसके तहत किसी भी तरीके की स्क्रीनिंग प्रक्रिया वर्जित है। आयोग का मानना है कि निर्देश में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों के लिए रेंडम प्रणाली तो ठीक है, लेकिन बचे 75 प्रतिशत सीटों के मामले में स्कूलों को मनमानी की खुली छूट दे दी गई। डीसीपीसीआर के सूचना प्रबंधक के मुताबिक इस निर्णय से दिल्ली सरकार का प्रवेश प्रक्रिया पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। आदेश में कोई नियत समय का जिक्र भी नहीं किया गया है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,18.12.2010)।

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