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04 दिसंबर 2010

केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए आचार संहिता पर विमर्श

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जुटे छह केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए आदर्श आचार संहिता निर्धारित करने के संबंध में विमर्श किया। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार व स्नातक स्तर पर कामन इंटरेंस टेस्ट पर भी चर्चा की गई। सूत्रों की मानें तो गुरुवार को अपराह्न व शुक्रवार को पूर्वाह्न,वीसी लाज में हुई बैठक में कुलपतियों ने शिक्षा के संबंध में रूपरेखा पर भी चिंतन-मनन किया। यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में दिशा तय करने के लिए कुलपतियों की कोर कमेटी बनाई है। समझा जाता है कि इसी कोर कमेटी के समन्वयकों की बैठक थी। सूत्रों की मानें तो बीएचयू कुलपति प्रो. डीपी सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीबी भट्टाचार्या, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. नजीब जंग, हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रो. सैयद हसनैन, बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रो. बी हनुमैया व केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात के प्रो. आरके काले व सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ इंगलिश एंड फॉरेन लैंग्वेज के प्रो. वाहनवती आदि ने भाग लिया। सूत्रों का यह भी कहना है कि कमेटी की बैठकें हैदराबाद व दिल्ली में हो चुकी है। मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने के पहले अभी कई और बैठकें की जानी हैं। कमेटी के सदस्यों ने परिसर का भ्रमण किया और यहां की हरियाली भी देखी। गौरतलब है कि इसी वर्ष मार्च महीने में हैदराबाद में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ बैठक कर शैक्षणिक सुधार के लिए कोर कमेटी का निर्धारण किया था(दैनिक जागरण,वाराणसी,4.12.2010)।

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