एक-दो कमरों में कॉलेज चलाने वालों पर यूजीसी नकेल कसने जा रहा है। इसके लिए यूजीसी ने विश्वविद्यालय को स्पष्ट निर्देश भी जारी कर दिया है। अब रविवि जल्द ही कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी यूजीसी के रेगुलेशन को लागू करने जा रहा है।
शहर में कॉलेज चलाने के लिए कम से कम दो एकड़ जमीन और ग्रामीण इलाकों में 5 एकड़ जमीन जरूरी है। जमीन संबंधी यह शर्त जहां नए कॉलेजों की मान्यता लेने वालों पर लागू होगी वहीं पुराने कॉलेजों को भी इस मापदंड को पूरा करना होगा। ऐसा नहीं होने पर कॉलेजों की मान्यता खतरे में होगी।
गौरतलब है कि रविवि से स्थायी और अस्थायी तौर पर 261 कॉलेज संबद्ध हैं। इसमें बड़ी संख्या मे ऐसे कॉलेज है जहां अध्ययन- अध्यापन का काम एक-दो कमरे में ही चल रहा है।
यूजीसी के कड़े तेवर के कारण अब ऐसे कॉलेजों के लिए समस्या खड़ी हो सकती है। कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी सारे प्रावधान अब विश्वविद्यालय के बजाय यूजीसी के हाथ में आ गए हैं।
इसके पहले कॉलेजों को मान्यता देते समय विश्वविद्यालय जमीन का उल्लेख नही करता था बस पर्याप्त जमीन का ही उल्लेख करता था। अब यूजीसी ने जमीन का मानक निर्धारित कर दिया है जिसके अनुसार शहर में दो एकड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच एकड़ जमीन अनिवार्य होगी।
विवि के अधिकारियों ने बताया कि दो-तीन दिन में कॉलेजों को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। यह नियम नए व पुराने दोनों कॉलेजों में लागू होंगे।
मापदंड पूरा नहीं करने पर कॉलेज को प्रतिबंधित किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि इस नियम के बाद बहुत से कॉलेजों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी(दैनिक भास्कर,रायपुर,18.12.2010)।
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