मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

05 दिसंबर 2010

नौकरी में नातेदारी को "ना"

अगर आपका कोई रिश्तेदार किसी कंपनी में पहले से ही कर्मचारी है तो हो सकता है आपको उस फर्म में नौकरी न मिले। कई एचआर विशेषज्ञों की राय तो यही है। यह आम धारणा के ठीक उलट है, जिसके मुताबिक रिश्तेदारों को नौकरी में तरजीह मिलती है। इधर कई वर्षो से आइटी कंपनियों में बाकायदा पति-पत्नी के लिए नौकरी में तमाम तरह की सहूलियत दी जा रही थी।
मानव संसाधन फर्म मा फोई रैंडस्टैंड के डायरेक्टर व प्रेसीडेंट ई. बालाजी के मुताबिक ऐसी कंपनियां नहीं चाहतीं कि कर्मचारी अपनी निजी व पेशेवर जिंदगी को आपस में मिलाएं। अगर ऐसा होता है तो पारिवारिक समस्याएं या अनबन दफ्तर के कामकाजी माहौल पर बुरा असर डालते हैं।
एक अन्य एचआर फर्म मैनपावर सर्विसेज इंडिया के प्रमुख अधिकारी नम्र किशोर की भी कमोबेश यही राय है। उन्होंने कहा कि सगे-संबंधियों को नौकरी देने पर आपसी तनातनी के अलावा भाई-भतीजावाद जैसी शिकायतें बढ़ जाती हैं। काम के दौरान व्यवहार में पक्षपात से कर्मचारियों का मनोबल टूटता है। इतना ही नहीं, बाहर की आपसी अनबन का असर कार्यस्थल पर भी दिख सकता है।
कर्मचारियों के नातेदारों को नौकरी न देने का कारण अधिकतर जोखिम प्रबंधन और कॉरपोरेट गवर्नेंस होता है। अगर कई कर्मचारी आपस में रिश्तेदार हैं तो एक साथ नौकरी छोड़ सकते हैं। इसलिए अधिकतर डाटा-सेंसिटिव और इंटरनेट आधारित हाई-एंड टेक्नोलॉजी कंपनियों ने कर्मियों के रिश्तेदारों को नौकरी से संबंधित नीतियां बना रखी हैं।
बालाजी के मुताबिक सूचना व संचार उद्योग से जुड़ी कुछ कंपनियां ऐसी रीति-नीति अपनाती हैं। मेडिकल केयर, वेलनेस, शिक्षा व प्रशिक्षण, मीडिया व मनोरंजन उद्योग इस बारे में लगभग उदासीन है। उल्टे इन क्षेत्रों की कई कंपनियां कर्मियों के रिश्तेदारों को नौकरी पर रखती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी पाबंदियां प्रतिभाशाली लोगों को नौकरी पाने से रोकने के बजाय लंबी अवधि में कंपनी के लिए फायदे का सौदा साबित होती हैं। ऐसी कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले से पूछा जाता है कि क्या उनका कोई सगा-संबंधी इस कंपनी में कर्मचारी है। कई संगठनों में तो नौकरी मिलने के बाद कर्मचारियों के बीच रिश्ते का पता लगने पर दोनों में से किसी एक को कंपनी से इस्तीफा देने के लिए कहा जाता है(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,5.12.2010)।

1 टिप्पणी:

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।