चौ. चरण सिंह विवि ने मार्च-2011 में होने वाली मुख्य परीक्षाओं से अब क्वालीफाईंग कोर्स स्पोर्ट्स एंड फिजिकल एजुकेशन (स्नातक प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष व बीपीएड कोर्स) में प्रयोगात्मक परीक्षा समाप्त कर दी है। साथ ही अब प्रश्न पत्र पचास की बजाय सौ अंकों का होगा। विवि से संबद्ध विभिन्न कालेजों में बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएससी कृषि एवं बीपीएड पाठ्यक्रमों में प्रथम वर्ष, द्वितीय व तृतीय वर्षो में क्वालीफाइंग कोर्स के रूप में अभी तक स्पोर्ट्स एंड फिजिकल एजुकेशन लागू है। इसमें पचास नंबर की थ्योरी एवं पचास अंकों की प्रयोगात्मक परीक्षा होती है। हाल यह है कि शिक्षकों के न होने से यहां तीनों सालों में प्रयोगात्मक परीक्षाओं के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही होती है। समय से प्रयोगात्मक परीक्षाएं न होने से परिणाम घोषित होने में भी विलंब होता रहा है। मार्च-2011 में होने वाली परीक्षाओं से पहले विवि ने कालेजों की समस्याओं को देखते हुए अब अहम निर्णय लिया है। विवि ने क्वालीफाईग कोर्स के तीनों वर्षो में आगामी परीक्षा से प्रैक्टिकल का प्रावधान शासन से अनुमोदन की प्रत्याशा में समाप्त कर दिया गया है। अब क्वालीफाईंग कोर्स स्पोर्ट्स एंड फिजिकल एजुकेशन में थ्योरी का प्रश्नपत्र तीनों वर्षो में पचास के स्थान पर सौ अंकों का होगा। कुलसचिव प्रभात रंजन ने इस बारे में सभी कालेजों के प्राचार्यो को आदेश जारी कर दिये हैं। उन्होंने कहा है कि वर्तमान सत्र-10-11 की मार्च में आयोजित होने वाली परीक्षा से ही यह लागू होगा। बिना प्रैक्टिकल के कैसी परीक्षा विवि की नई व्यवस्था से सवाल यह उठ रहा है कि ऐसे विषय का बिना प्रयोगात्मक परीक्षा के क्या औचित्य है। जिस उद्देश्य को लेकर शासन ने यह विषय लागू किया गया है वह पूरा ही नहीं होगा। कालेजों से अलका तोमर जैसी खिलाड़ी कैसे निकलेंगी। जनवरी में शुरू होगी रेमिडियल कोचिंग चौधरी चरण सिंह विवि परिसर में जनवरी के अंतिम सप्ताह में रेमिडियल कोचिंग शुरू हो जाएगी। इसके लिए प्रथम सप्ताह से पंजीकरण की कार्यवाही शुरू होगी। विवि परिसर के एमए, एमएससी एवं एमफिल आदि के एससी छात्र-छात्राओं को यह कोचिंग नि:शुल्क दी जाएगी(दैनिक जागरण,मेरठ,30.12.2010)।
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