भोपाल. नए साल में मध्य प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने दस नए निजी विश्वविद्यालयों को हरी झंडी दे दी है।
उम्मीद है कि साल 2011 में ये विश्वविद्यालय वजूद में आ जाएंगे। सरकार की तरफ से जारी आशय पत्र (एलओआई)के एवज में इन विश्वविद्यालयों ने पांच-पांच करोड़ रुपए की विन्यास राशि भी जमा कर दी है।
आने वाला साल मप्र को एजुकेशन हब बनने में काफी कारगर साबित होगा। संस्थाएं और एजुकेशन फाउंडेशन तेजी से मप्र का रुख कर रहे हैं।
निजी विश्वविद्यालयों को एलओआई जारी करना इसी दिशा में उठाया गया कदम है,जिससे साफ है कि राज्य में इन विश्वविद्यालयों का आना तय हो गया है।
उल्लेखनीय है कि एक निजी विश्वविद्यालय (जेपी यूनिवíसटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) पहले से ही गुना में संचालित हो रही है। यही नहीं अन्य 20 संस्थाओं ने भी राज्य शासन को निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं,जो परीक्षण के दौर से गुजर रहे हैं।
प्रदेश में आ रहे ये निजी विश्वविद्यालय
एमिटी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर आईसेक्ट यूनिवर्सिटी, मेदुआ रायसेनओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियरएकेएस यूनिवर्सिटी, सतनाटेक्नो ग्लोबल यूनिवर्सिटी,सिरोंज,विदिशापीपुल्स प्राइवेट यूनिवर्सिटी, भानपुर, भोपालजागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी, भोपालधीरूभाई अंबानी यूनिवर्सिटी, भोपालइंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ इंडिया, देवास
पिछड़े क्षेत्रों की ओर भी ध्यान दे शासन
शिक्षाविद् डॉ.जितेंद्र गुप्ता के अनुसार किसी भी क्षेत्र में एक विश्वविद्यालय खुलने से उस पूरे क्षेत्र का विकास होता है। लेकिन ज्यादातर संस्थाओं का फोकस भोपाल, ग्वालियर और इंदौर जैसे बड़े शहरों पर ही है।
अब शासन को ध्यान देना होगा कि यदि पूरे मप्र का विकास करना है,तो पिछड़े और आदिवासी इलाकों धार,झाबुआ,मंडला,बालाघाट,छिंदवाड़ा और डिंडौरी में भी विवि खुलने चाहिए।
विन्यास निधि जमा नहीं
अपेक्स यूनिवर्सिटी, ग्वालियरस्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागरइनकी कवायद जारीआरकेडीएफ यूनिवर्सिटी, भोपालमंदसौर यूनिवर्सिटी, मंदसौरकरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, भोपाल
दस निजी विश्वविद्यालयों को एलओआई जारी हो गए हैं। इनमें से दो विश्वविद्यालयों का नोटिफिकेशन राजभवन से भी हो गया है। वे इस सत्र से पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं-अखिलेश कुमार पांडे,चेयरमैन,एमपी निजी विश्वविद्यालय रेगुलेटरी कमीशन
(दैनिक भास्कर,भोपाल,30.12.2010)
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