शैक्षणिक सत्र की शुरूआत इस बार भी एक अप्रैल से मुश्किल लग रही है। पिछले साल भीषण गर्मी के कारण स्कूल शिक्षा विभाग के इस नवाचार पर पानी फिर गया था। इस बार सरकार ने ही साफ कर दिया है कि गर्मियों की छुट्टी पूरे दो माह की होगी। ग्रीष्मावकाश 15 अप्रैल से 15 जून तक रहेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा में इसके लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मंत्रालय में आयोजित इस समीक्षा बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस, मुख्य सचिव अवनि वैश्य, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रजनीश वैश्य, आयुक्त लोक शिक्षण अशोक वर्णवाल, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र मनोज झालानी, वित्ता सचिव एके राय, मुख्यमंत्री के सचिव अनुराग जैन और विशेष कर्र्त्ताव्यस्थ अधिकारी कोमल सिंह उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ग्रीष्मावकाश की अवधि पूरे-पूरे दो माह की होना चाहिए। यदि विभाग एक अप्रैल से सत्र शुरू भी करता है तो 15 दिन बाद ही स्कूल बंद हो जाएंगे।
फिर दो माह बाद स्कूल खुलने पर जून के 15 दिन में कक्षाएं लगाना पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने रिजल्ट के साथ ही किताबें वितरित करने के निर्देश भी दिए हैं। इसे देखते हुए संभव है कि एक अप्रैल से सत्र शुरू करने की योजना ही विभाग को ठप करना पड़े।
यह भी निर्देश
*प्रदेश में अध्यापक संवर्ग के लिए अंशदायी पेंशन योजना को अप्रैल 2011 से लागू की जाए।
*निशुल्क पाठ्य-पुस्तकों का वितरण समय पर हो। परीक्षा परिणाम के समय ही पुस्तकों वितरण की व्यवस्था करें।
*साइकिलों का वितरण सत्र के प्रारंभ में किया जाएगा।
*शिक्षकों के लिए बीमा योजना लागू की जाए। इस संबंध में भारत सरकार की प्रस्तावित बीमा योजना का अध्ययन कर राज्य की योजना तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत की जाए।
* मृत्यु के प्रकरण में क्षतिपूर्ति के साथ ही अंशदायक स्वरूप में स्वास्थ्य बीमा के विकल्प का भी परीक्षण करें।
* निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षण व्यवस्था की गुणवत्ता, पालकों का शोषण रोकने और उनके हितों के संरक्षण के संबंध में वैधानिक प्रावधान किए जाएं(दैनिक जागरण,भोपाल,23.12.2010)।
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