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03 दिसंबर 2010

हरीसिंह गौर विश्वविद्यालयःसेवानिवृत्त कर्मचारियों से भेदभाव का आरोप

डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों से भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है। जिसमें कहा गया है कि जो कर्मचारी पहले सेवानिवृत्त हुए हैं, उनकी उपेक्षा करते हुए बाद में सेवानिवृत्त हुए एक कर्मचारी को पेंशन जारी कर दी गई, क्योंकि उसने आंदोलन आदि की धमकी दी थी।

इस भेदभाव को लेकर कुलसचिव से शिकायत किए जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मुख्य प्रशासनिक भवन स्थित गणना शाखा में पदस्थ अनुभाग अधिकारी जेपी तिवारी ने कुलसचिव को सौंपे पत्र में आरोप लगाया है कि विवि प्रशासन ने 30 जून 2010 को सेवानिवृत्त हुए लखनलाल खरे को नवंबर में पेंशन जारी की है, जबकि श्री खरे से पहले 31 मई 2010 को सेवानिवृत्त होने पर उन्हें व अन्य कर्मचारियों को अभी तक न तो पेंशन जारी हुई है और न ही पीपीओ आदि बनाया गया है। नियमानुसार पहले सेवानिवृत्त होने वालों के लिए पेंशन आदि पहले जारी होना चाहिए थी। कुलसचिव को भेजे शिकायत पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि श्री खरे से पहले सेवानिवृत्त होने वाले लगभग आधा दर्जन कर्मचारियों की भी पेंशन जारी नहीं की गई है।

कुलसचिव प्रो. एनके जैन का कहना है कि चूंकि विवि से कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जिन्हें पेंशन की पात्रता है। इसीलिए इस प्रकरण में संबंधित रिकार्ड देखकर ही विस्तृत जानकारी दे सकेंगे।

दो माह पहले सूचना दी थी
श्री तिवारी ने स्वयं के सेवानिवृत्त होने के करीब दो माह पहले 25 मार्च 2010 को वित्त अधिकारी को आवेदन दिया था, जिसमें उनके सेवानिवृत्त होने से पहले भविष्य निधि, परिवार कल्याण योजना, अवकाश के नकदीकरण का भुगतान एवं पेंशन भुगतान करने आवश्यक प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया गया था। लेकिन इस आवेदन को भी दरकिनार कर दिया गया(दैनिक भास्कर,सागर,3.12.2010)।

1 टिप्पणी:

  1. ये ग़लत है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ ऐसा सलूक़ नहीं होना चाहिए।

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