मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

25 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ःस्कूलों में अगले सत्र से जीवन विद्या की शिक्षा

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के स्कूलों में अगले सत्र से जीवन विद्या और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने का फैसला किया है।
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के स्कूलों में अगले शिक्षा सत्र से पहली से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को जीवन विद्या और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही प्रतिदिन प्रथम कालखण्ड में पर्यावरण सुरक्षा, हम और हमारा स्वास्थ्य, जल प्रबंधन, सुगम यातायात, चेतना विकास, योग, सामूहिक कर्तव्य जैसे विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर विद्यार्थियों के बीच चर्चा होगी।
अग्रवाल ने बुधवार को रायपुर के सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय मेधावी छात्र अलंकरण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा संस्थानों में ऐसी शिक्षा देनी चाहिए जिससे बच्चे आगे चलकर सच्चे देशभक्त बने।

उन्होंने समाज में अच्छे कार्य करने वालों के सम्मान की परम्परा विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे सामाजिक सरोकारों से जुड़ने की प्रेरणा अन्य लोगों को भी मिलेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने समारोह में पुरस्कृत विद्यार्थियों से राष्ट्रवाद का अलख जगाने का आग्रह किया।

समारोह में मौजूद विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविन्द प्रसाद शर्मा ने स्कूलों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर दिया और कहा कि मातृभाषा में शिक्षा देने से विचारों में गहनता, स्पष्ट रूप से समझने की क्षमता और हर विषय को जानने की उत्सुकता बच्चों के मन में पैदा होती है। इससे विवेक, बुद्धि और समझ शक्ति बढ़ती है(दैनिक जागरण,रायपुर,25.12.2010)।


टिप्पणीःराजकुमार ग्वालनी जी ने ब्लॉगचौपाल में इस पोस्ट की चर्चा की है जिसका लिंक यहां है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।