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11 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ःआबादी के आधार पर मिलेगा आरक्षण

राज्य सरकार ने आबादी के हिसाब से आदिवासियों को आरक्षण देने की मांग मान ली है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर सरकारी नौकरियों में आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया। एसटी के लिए अब तक सिर्फ 20 फीसदी का कोटा तय था।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को रायपुर जिले के सोनाखान में आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग की ओर से आयोजित लोक कला महोत्सव के समापन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर सीएम ने राजधानी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नामकरण अमर शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर करने का भी ऐलान किया।

सीएम ने इस मौके पर सोनाखान क्षेत्र के विभिन्न गांवों के विकास के लिए करीब 18 करोड़ 74 लाख 23 हजार रूपए के 49 निर्माण कार्यो का भूमि पूजन एवं लोकार्पण भी किया। डॉ. सिंह ने कहा कि आदिवासी वर्ग की बेहतरी के लिए उनकी आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का फैसला किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2001 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश में अदिवासियों की आबादी करीब 32 फीसदी है। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के 16 मई 2005 के एक परिपत्र के कुछ प्रावधानों के कारण अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का समुचित लाभ मिलने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। इन्हें ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने इस परिपत्र को निरस्त करने का निर्णय लिया है। 


डॉ. रमन सिंह ने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि भारत के वर्ष 1847 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ में क्रांति का शंखनाद अमर शहीद वीर नारायण सिंह ने किया था, जिन्होंने 1856 के भयानक अकाल के दौरान क्षेत्र के गांव, गरीब और किसानों के दु:ख-दर्द को महसूस कर जमाखोरों के अनाज भण्डार गरीबों के लिए खुलवा दिए, ताकि जनता को भूख की पीड़ा से बचाया जा सके। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आज वीर नारायण सिंह के आदशरे पर चलकर उनके सपनों को साकार करने का हर संभव प्रयास कर रही है। 

आरक्षण व अन्य मांगों को लेकर सड़क पर उतरे आदिवासी 
बस्तर, कांकेर, धमतरी, जगदलपुर, नारायणपुर, दुर्ग में वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर सर्व आदिवासी समाज ने सभा की व कई जगह सड़क जाम किया।

संगठन की प्रमुख मांगें : 
 *राज्य स्तरीय सेवाओं और व्यावसायिक शिक्षा में 32 फीसदी आरक्षण 

*फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों की बर्खास्तगी 

*अनुसूचित क्षेत्रों की पंचायतों, नगरीय निकाय, मंडी और वनोपज समिति का अध्यक्ष पद अजजा के लिए आरक्षित हों 

*अचल संपत्तियों का संरक्षण 

* निर्दोष आदिवासियों को नक्सली मान गिरफ्तारी बंद हो। 

तमिलनाडु में है आबादी के अनुसार 69 फीसदी आरक्षण 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन तमिलनाडु में वहां की आबादी के अनुसार 69 प्रतिशत आरक्षण वर्तमान में दिया जा रहा है। 

जाति आधारित आरक्षण आबादी के 69 प्रतिशत पर लागू होता है, लेकिन तमिलनाडु के मामले में यह 87 प्रतिशत पर दिया जा रहा है। लंबे विवाद के बाद हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे फिलहाल सिर्फ एक साल के लिए लागू करने की इजाजत दी है। उसी तरह राजस्थान सरकार ने 68 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव दिया है, जो अभी लंबित है।

सोनाखान क्षेत्र के ग्राम महराजी-बंगलापानी के बीच जोंक नदी पर पुल निर्माण के लिए अगले बजट में दस करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही पुल का नाम भी शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर होगा। उल्लेखनीय है कि सोनाखान शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म भूमि और कर्मभूमि रही है। 


"आदिवासियों को मिल रहा 20 फीसदी आरक्षण बढ़ाकर 32 प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को मिल रहा आरक्षण जस का तस है। इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। इस बारे में फैसला बाद मे हागा।"

-एन. बैजेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव
(दैनिक भास्कर,रायपुर,11.12.2010)
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आदिवासियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का वादा किया है। सिंह ने शुक्रवार को रायपुर जिले के सोनाखान गांव में राज्य के शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर कहा कि राज्य सरकार की विभिन्न नौकरियों में संविधान के प्रावधानों का पालन करते हुए आदिवासियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा। सिंह ने राजधानी रायपुर के नजदीक परसदा गांव में स्थित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नामकरण अमर शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर करने की भी घोषणा की। उन्होंने वादा किया है कि जिले में सोनाखान क्षेत्र के मदरानी-बंगलापानी गांव के बीच जोंक नदी पर पुल निर्माण के लिए आगामी बजट में दस करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा और इस पुल का नामकरण भी शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर होगा। सिंह ने कहा कि अनुसूचित जनजाति (आदिवासी वर्ग) की बेहतरी के लिए उन्हें रोजगार के अधिक से अधिक अवसर दिलाना भी राज्य सरकार की सवोच्च्च प्राथमिकता है। सिंह ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य में आदिवासियों की आबादी लगभग 32 प्रतिशत है। ऐसे में इन्हें इसी अनुपात में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एलान करते हुए कहा कि यह हमारे देश का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है, जो अब छत्तीसगढ़ के गौरव अमर शहीद वीर नारायण सिंह के नाम से जाना जाएगा। रमन सिंह ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ में क्रांति का शंखनाद अमर शहीद वीर नारायण सिंह ने किया था, जिन्होंने 1856 के भयानक अकाल के दौरान क्षेत्र के गांव, गरीब और किसानों के दु:ख-दर्द को महसूस कर जमाखोरों के अनाज भण्डार को गरीबों के लिए खुलवा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार..गांव, गरीब और किसानों की बेहतरी के लिए वीर नारायण सिंह के आदर्शों पर चल कर अनेक योजनाएं संचालित कर रही है(दैनिक जागरण,दिल्ली,११.१२.२०१०)।

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