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11 दिसंबर 2010

राज्यों के ओबीसी को केंद्र में भी वाही लाभ नहीं:कैट

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने अपने आदेश में कहा है कि पिछड़ी जाति के आधार पर प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने वाले किसी व्यक्ति को केंद्र में भी वही विशेषाधिकार मिले, यह जरूरी नहीं है, जब तक उसे केंद्र सरकार की ओर से ऐसा घोषित न किया जाए। कैट ने जाट समुदाय के चार सदस्यों की याचिका पर यह आदेश दिया है। इस समुदाय को दिल्ली में अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) का दर्जा प्राप्त है। इस आधार पर इन सदस्यों ने केंद्र सरकार की फर्म एंप्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड में एलडीसी के पद पर नियुक्ति में आरक्षण का लाभ पाने का आवेदन दिया था। इन कर्मचारियों ने चयन प्रक्रिया के बाद नौकरी पर हाजिरी दे दी थी, लेकिन उन्हें इस आधार पर नौकरी में आने की अनुमति नहीं दी गई थी कि उनकी जाति केंद्र सरकार की ओबीसी जातियों की सूची में शामिल नहीं है और उन्हें आरक्षण के लाभ पाने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा था कि उनका चयन दिल्ली क्षेत्र के लिए किया गया है, इसलिए दिल्ली के ओबीसी प्रत्याशी, जो प्रदेश की ओबीसी सूची में आते हैं, उनके बारे में नियुक्ति के लिए विचार किया जाना चाहिए। न्यायाधिकरण ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया। (दैनिक जागरण,दिल्ली,११.१२.२०१०)।

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