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23 दिसंबर 2010

डीटीयू में इकलौती बेटी के लिए रिजर्व होगी सीट

दिल्ली टेक्नॉलाजिकल यूनिवसिर्टी (डीटीयू) ने बी.टेक के सभी 14 कोर्सेज में सिंगल गर्ल चाइल्ड (ऐसी लड़कियां जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं) के लिए 1-1 सीट रिजर्व करने का फैसला किया है। इस तरह से 14 सीटें सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए रिजर्व होंगी। ये रिजर्व सीटें तय सीटों से अलग होगी। मसलन, अगर किसी कोर्स में 60 सीटें हैं तो 61वीं सीट सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए रिजर्व होगी। यूनिवर्सिटी की ऐकडेमिक काउंसिल ने इस फैसले को मंजूरी दी है।

इसके अलावा अगले साल से बी.टेक लेवल पर एक नया कोर्स शुरू करने का फैसला भी किया गया है। इस कोर्स का नाम बी.टेक (मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग) का होगा।

यूनिवसिर्टी के मुताबिक, सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए रिजर्व सीटों का फैसला अभी सिर्फ बी.टेक कोर्सेज के लिए ही किया गया है। यह फैसला 2011 सेशन से लागू हो जाएगा। ज्यादा से ज्यादा लड़कियां इंजीनियरिंग करें इसलिए यह फैसला किया गया है।


हालांकि, रिजर्व सीट पर एडमिशन क्राइटेरिया वही रहेगा, जो दूसरे स्टूडेंट्स के लिए होता है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि लड़कियों को इंजीनियरिंग की शिक्षा को लेकर प्रोत्साहित करने के मकसद से यह फैसला किया गया है। अभी इंजीनियरिंग की फील्ड में लड़कियों की संख्या कम है। 

यूनिवर्सिटी ने मैथ्स और कंप्यूटर की फील्ड में स्पेशल एजुकेशन को ध्यान में रखते हुए मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग का नया कोर्स भी शुरू किया है। कोर्स में साइंस और इंजीनियरिंग का खास इनपुट होगा। ऐकडेमिक काउंसिल ने बी.टेक के 14 और पीजी लेवल पर 17 कोर्स के नए सिलेबस को भी मंजूरी दे दी। नए कोर्स में स्टूडेंट्स को अपने सब्जेक्ट चुनने की ज्यादा आजादी मिलेगी। इंडस्ट्री की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नया सिलेबस तैयार किया गया है। 

नई दुनिया की रिपोर्टः
दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) अब अपने यहां ऐतिहासिक निर्णय के रूप में इकलौती बेटियों के लिए इंजीनियरिंग में आने का अलग से दरवाजा खोला है। अगले सत्र से यहां परिवार की अकेली संतान को बीटेक कोर्सेज में आरक्षित एक सीट पर दाखिला दिया जाएगा। प्रशासन ने यह फैसला मंगलवार को विद्वत परिषद की बैठक में लिया। बैठक में बीटेक मैथेमैटिक्स एंड कंप्यूटिंग कोर्स शुरू करने को भी हरी झंडी दे दी गई।

कुलपति प्रो पीबी शर्मा के मुताबिक समाज में कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने और खासकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लड़कियों को बढ़ावा देने के मकसद से यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत बीटेक से जुड़े १४ कोर्सेज में तय सीटों के अलावा एक-एक सीट जोड़ी गई हैं। यह सीट ऐसी लड़कियों के लिए है जो घर में माता पिता की अकेली संतान है। हालांकि दाखिले की योग्यता अन्य छात्रों की तरह ही पूरी करनी होगी। छात्रा का चयन एआईईईई की लिस्ट से ही होगा। पर उसकी मेरिट लिस्ट अलग से बनेगी। सूचना अधिकारी रश्मि अटल ने बताया कि बीटेक के किसी कोर्सेज में अगर ६० सीटें हैं तो एक सीट अब और बढ़ा दी जाएंगी जिस पर ऐसी लड़की को दाखिला दिया जाएगा। 

प्रशासन ने आगामी सत्र से बीटेक मैथेमैटिक्स एंड कंप्यूटिंग का कोर्स भी शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें ६० सीटें होंगी। बीटेक और एमटेक के संशोधित कोर्सेज को भी हरी झंडी दे दी गई। अटल ने बताया कि मौजूदा समय में बीटेक में कुल ११२७ सीटें हैं। अब इनमें लड़कियों के लिए विशेष तौर पर आरिक्षत सीटें भी जोड़ी जाएंगी।

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