देश में तीव्र आर्थिक वृद्धि से अगले वर्ष तक एक से डेढ़ करोड़ रोजगार तैयार होने की संभावना है, लेकिन उपयुक्त कुशल उम्मीदवारों का अभाव एक बड़ी समस्या है। ये बातें एक प्रमुख औद्योगिक संस्था ने रविवार को कही है।
भारत के एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री [एसोचैम] द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वर्ष तक एक से डेढ़ करोड़ रोजगार तैयार होने की संभावना है, जिसमें से 75 प्रतिशत को व्यवसायिक प्रशिक्षण की जरूरत होगी। यदि इस समस्या से ठीक से नहीं निपटा गया तो इससे देश की आर्थिक वृद्धि मंद पड़ सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण यहां की युवा शक्ति है। लेकिन लाखों भारतीय युवक बेरोजगार है, क्योंकि उन्हे ठीक से व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं हो पाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में भारतीय युवक न केवल बेरोजगार है, बल्कि वे रोजगार पाने लायक भी नहीं हैं, जबकि ठीक यहीं पर बड़ी संख्या में अच्छी नौकरियां उपयुक्त उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यद्यपि सूचना प्रौद्योगिकी [आईटी] और आईटी इनैबल्ड सर्विसिस [आईटीईएस], जैव प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में 90 प्रतिशत नौकरियां कौशल आधारित हैं और उन्हे प्रशिक्षण की आवश्यकता है, लेकिन सम्पूर्ण श्रम शक्ति के मात्र छह प्रतिशत हिस्से को ही इस तरह के प्रशिक्षण प्राप्त हो पाते है।
रिपोर्ट में यह भी अनुमान व्यक्त किया गया है कि 2011 आईटी और आईटीईएस सेक्टर के लिए बेहतर होगा और इस क्षेत्र में वेतन में बढ़ोतरी होगी। एसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा कि आईटी व आईटीईएस, जैव प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्रों के कुशल श्रमिकों के लिए वर्ष 2011 काफी बेहतर होने वाला है।
2010 में वेतन में हुई 15 प्रतिशत बढ़ोतरी के मुकाबले 2011 में 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,26.12.2010)।
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