मप्र शासन की एनओसी न लेने से कोई विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान फर्जी नहीं हो जाता है। संस्थान, एनओसी को छोड़ बाकी सभी मापदंड पूरे कर रहे हैं।
वैसे भी शासन ने कभी एनओसी लेने संबंधित कोई नियम जारी नहीं किए,वरना एनओसी भी ले लेते। इसका मतलब ये नहीं कि कॉलेज अथवा डिग्री को फर्जी करार दिया जाए। आज हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में आ गया है।
मप्र शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के बाहर के विश्वविद्यालयों से संबद्धता लेकर चल रहे 49 शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद शिक्षा जगत में खलबली मची है। अब प्रदेश के बाहर के विवि और उनसे मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान शासन की कार्रवाई को गलत बता रहे हैं। उनका तर्क है कि शासन की नजरों में फर्जी की परिभाषा ही गलत है।
यदि शासन एनओसी लेने के लिए कोई नोटिस देता तो वे एनओसी भी ले लेते, लेकिन शासन ने सीधे कार्रवाई कर छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दिया है। यहां तक की रोजगार कार्यालय भी इन छात्रों की अंकसूची स्वीकार नहीं कर रहा है। इस कड़ी में बुधवार को राजस्थान विद्यापीठ विवि उदयपुर से मान्यता प्राप्त डॉ. विश्वैश्वरैया संस्थान,भोपाल ने अपना पक्ष रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई।
संस्थान के निदेशक सेलवन मुदलियार ने कहा कि संस्थान के पास मान्यता और सारी अनुमतियां है। संस्थान दूरस्थ शिक्षा परिषद के नियमों का भी पालन करता है। मप्र के रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी में संस्थान पंजीबद्ध है और समस्त रिपोर्ट सोसायटी के समक्ष प्रस्तुत करता है। बावजूद इसके संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की गई।
कार्रवाई के बाद की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है कि आगे क्या करना है? 2003 से संस्थान संचालित है, शासन की नींद पहले क्यों नहीं खुली? संस्थान से करीब 500 छात्र एमबीए, एमसीए, बीटेक आदि की डिग्री ले रहे हैं।
मामला असमंजस में है कि संस्थान परीक्षा भी करवा सकता है या नहीं? हमने निर्णय लिया है कि शासन को एनओसी के लिए आवेदन देंगे, फिर भी बात नहीं बनी तो कोर्ट की शरण लेंगे। किसी भी हाल में छात्रों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बीएड कॉलेजों का निरीक्षण आज
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राजधानी के बीएड कॉलेजों का निरीक्षण गुरूवार को होगा। इसके लिए 8 दलों का गठन किया गया है। ये दल भोपाल के 59 कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण में एनसीटीई की मान्यता सहित अन्य मापदंडों की जांच की जाएगी। दल एक ही दिन में निरीक्षण कर शाम तक शासन को रिपोर्ट दे देंगे।
शासन द्वारा की गई कार्रवाई नियम सम्मत है। कई फर्जी कॉलेज छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे थे और डिग्रियों का अवैध व्यापार फल फूल रहा था। शासन ने इस पर नकेल कसी है-प्रभांशु कमल,प्रमुख सचिव,उच्च शिक्षा(दैनिक भास्कर,भोपाल,9.12.2010)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।