शासकीय स्कूलों के बच्चे पढ़ाई में कमजोर मिले, तो शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश पर ग्रहण लग सकता है। सतत मूल्यांकन प्रणाली को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसा ही एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। राज्य शिक्षा केंद्र ने शासकीय स्कूलों में चल रही सतत व्यापक मूल्यांकन प्रणाली की वास्तविक स्थिति जानने सीएम से लेकर सरपंच व मुख्य सचिव से लेकर कर्मचारी स्तर तक निरीक्षण करने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह निरीक्षण फरवरी में होगा। प्रदेश की पहली से आठवीं तक की 1 लाख 11 हजार शासकीय शालाओं में अध्ययनरत करीब 1 करोड़ 60 लाख बच्चों की स्थिति जानने के लिए सीएम से लेकर कर्मचारी तक स्कूलों में जाएंगे। निरीक्षण में मुख्यमंत्री से लेकर सरपंच (सभी जनप्रतिनिधि) व मुख्य सचिव से लेकर कर्मचारी को शामिल किया है। निरीक्षण के दौरान सतत व्यापक मूल्यांकन प्रणाली के तहत उठाएं गए स्तर को देखेंगे। साथ ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्कूलों की स्थिति में सुधार का निरीक्षण भी करेंगे। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि फरवरी में निरीक्षण का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है। स्वीकृति मिलने के बाद फरवरी में एक तिथि निश्चित की जाएगी। एक दिन सभी स्कूलों में निरीक्षण होगा। निरीक्षण में बच्चों का स्तर कमजोर पाया जाता है, तो उक्त स्कूल के शिक्षकों का ग्रीष्मकालीन अवकाश निरस्त कर बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष कक्षा लगाई जाएगी। ताकि उनका स्तर ठीक हो सके। इसके साथ ही विभागीय कार्यवाही करना भी प्रस्तावित है(दैनिक जागरण,भोपाल,23.12.2010)।
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