कोयला अधिकारियों की हड़ताल की धमकी के बाद केंद्र सरकार की तंद्रा टूट गई है। अधिकारियों की पीआरपी (परफॉर्मेस रिलेटेड पे) की फाइल कोयला मंत्रालय खंगालने में जुट गया है। यदि सब कुछ यूं ही चलता रहा, तो आगामी जनवरी महीने के मध्य तक पीआरपी का मामला पूरी तरह हल हो जाने की उम्मीद है। केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उसी महीने के अंत तक पीआरपी भुगतान की घोषणा भी हो जाने की पूरी संभावना है।
पे एंड पर्क्स कमेटी की बैठक कल: कोल इंडिया की पे एंड पर्क्स कमेटी की बैठक 29 दिसंबर को कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में होगी। इसमें कोयला अधिकारियों की लंबित प्रोन्नति, एडिशनल पेंशन सहित सीएमओएआई द्वारा प्रबंधन के समक्ष रखी गई अन्य मांगों पर विचार किया जाएगा।
बैठक में प्रबंधन की ओर से कोल इंडिया के नव चयनित चेयरमैन और वर्तमान में बीसीसीएल के सीएमडी टीके लाहिरी, डब्ल्यूसीएल के सीएमडी डीसी गर्ग व कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक) आर मोहन दास तथा सीएमओएआई की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव नारायण, राष्ट्रीय महासचिव केपी सिंह, कोषाध्यक्ष दामोदर बनर्जी, सीसीएल अध्यक्ष वीपी सिंह व एसईसीएल के महासचिव कामेश्वर पांडेय शिरकत करेंगे। बैठक में प्रोन्नति की घोषणा होने की पूरी संभावना है।
सुविधाओं में कटौती पर जताई चिंता
राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन की बैठक सोमवार को सीसीएल मुख्यालय गांधीनगर में हुई। इसमें कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती व लंबित मामलों का निबटारा नहीं होने पर चिंता जताई गई। मांगों से संबंधित ज्ञापन सीएमडी आरके साहा को सौंपा गया। इसकी प्रति केंद्रीय मंत्री सुबोधकांतसहाय को भेजी गई।
ज्ञापन में कहा गया है कि गांधीनगर केंद्रीय अस्पताल व सभी डिस्पेंसरियों में दवाओं की घोर कमी है। मरीजों को दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। अन्य मांगों में सीएमपीएफ पास बुक अद्यतन करने, ग्रुप इंश्योरेंस का मामला शीघ्र निबटाने, स्कूल बसों की संख्या बढ़ाने आदि शामिल है(दैनिक भास्कर,रांची,28.12.2010)।
प्रभात खबर,रांची संस्करण की खबर भी देखिएः
कोल इंडिया द्वारा कर्मचारियों के वेतन व सुविधा के लिए बनी जेबीसीसीआइ गठन की प्रक्रिया शुरू होते ही यूनियनों की सरगरमी बढ़ गयी है. कोयला क्षेत्र में काम करनेवाले सभी यूनियनों ने वेतन समझौते में कम से कम क्या मांग की जायेगी, इस पर काम करना शुरू कर दिया है. वार्ता की शुरुआत केटेगरी एक मजदूरों को मिलनेवाली बेसिक व सुविधा से होती है.
केटेगरी एक के मजदूरों को (नयी भरती) अभी आठ हजार 360 रुपये मिलता है. कोल इंडिया प्रबंधन के साथ होनेवाली वार्ता में कोई यूनियन केटेगरी एक के लिए 75 तो कोई 45 हजार रुपये की मांग कर रहा है. कोयला क्षेत्र से जुड़ी यूनियनों ने इस संबंध में अपने पैटर्न संस्था को अवगत भी करा दिया है. मालूम हो कि कोल इंडिया के कर्मचारियों के लिए गठित वेजबोर्ड जेबीसीसीआइ में मान्यता प्राप्त यूनियन (इंटक, एटक, बीएमएस, एचएमएस व सीटू) के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं.
एटक जनरल काउंसिल की बैठक जयपुर में : एटक जनरल काउंसिल की बैठक चार से छह जनवरी तक जयपुर में होगी. बैठक में कोयला प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे. एटक नेता लखन लाल महतो ने बताया कि इसमें नौवें वेतन समझौते पर भी चर्चा होगी. 23 फरवरी को सेंट्रल ट्रेड यूनियन (बीएमएस को छोड़कर) अन्य संगठनों द्वारा होनेवाले संसद मार्च को सफल बनाने के मुद्दे पर भी विचार किया जायेगा. बैठक के एजेंडे में महंगाई, लाभ कमानेवाली कंपनियों के विनिवेश, असंगठित मजदूरों के लिए राष्ट्रीय कोष ओद मुद्दे पर भी विचार होगा.
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कोल इंडिया द्वारा कर्मचारियों के वेतन व सुविधा के लिए बनी जेबीसीसीआइ गठन की प्रक्रिया शुरू होते ही यूनियनों की सरगरमी बढ़ गयी है. कोयला क्षेत्र में काम करनेवाले सभी यूनियनों ने वेतन समझौते में कम से कम क्या मांग की जायेगी, इस पर काम करना शुरू कर दिया है. वार्ता की शुरुआत केटेगरी एक मजदूरों को मिलनेवाली बेसिक व सुविधा से होती है.
केटेगरी एक के मजदूरों को (नयी भरती) अभी आठ हजार 360 रुपये मिलता है. कोल इंडिया प्रबंधन के साथ होनेवाली वार्ता में कोई यूनियन केटेगरी एक के लिए 75 तो कोई 45 हजार रुपये की मांग कर रहा है. कोयला क्षेत्र से जुड़ी यूनियनों ने इस संबंध में अपने पैटर्न संस्था को अवगत भी करा दिया है. मालूम हो कि कोल इंडिया के कर्मचारियों के लिए गठित वेजबोर्ड जेबीसीसीआइ में मान्यता प्राप्त यूनियन (इंटक, एटक, बीएमएस, एचएमएस व सीटू) के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं.
एटक जनरल काउंसिल की बैठक जयपुर में : एटक जनरल काउंसिल की बैठक चार से छह जनवरी तक जयपुर में होगी. बैठक में कोयला प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे. एटक नेता लखन लाल महतो ने बताया कि इसमें नौवें वेतन समझौते पर भी चर्चा होगी. 23 फरवरी को सेंट्रल ट्रेड यूनियन (बीएमएस को छोड़कर) अन्य संगठनों द्वारा होनेवाले संसद मार्च को सफल बनाने के मुद्दे पर भी विचार किया जायेगा. बैठक के एजेंडे में महंगाई, लाभ कमानेवाली कंपनियों के विनिवेश, असंगठित मजदूरों के लिए राष्ट्रीय कोष ओद मुद्दे पर भी विचार होगा.
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