मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

22 दिसंबर 2010

धनबादःप्रतिनियुक्त शिक्षक के भरोसे चल रहे कई स्कूल

मेढा में निरसा अंचल तीन के सरकारी विद्यालयों में इन दिनों छात्र शिक्षक अनुपात बिगड़ गया है। कई ऐसे स्कूल हैं जहां एक एक शिक्षक के भरोसे सौ से अधिक छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। कई ऐसे विद्यालय भी हैं जो प्रतिनियुक्त शिक्षक के सहारे चल रहे हैं।

ऐसी स्थिति में गुणवत्ता युक्त शिक्षा की बात करना बेमानी होगी। सामान्य तौर पर देखा जाए तो यहां छात्र शिक्षक अनुपात 60 छात्र छात्राओं पर एक शिक्षक है। इस विषमता के लिए सरकारी नीति काफी हद तक दोषी है। शिक्षा अधिकार अधिनियम की अगर बात करें तो हमें मालूम होना चाहिए कि केंद्र व राज्य सरकार ने 30 छात्र छात्राओं पर एक शिक्षक की सेवा को मापदंड बनाया है। लेकिन विभाग इस सच्चाई से कोसों दूर है।


बीइइओ विश्वनाथ भगत ने इस बाबत कहा कि निरसा अंचल तीन में मध्य विद्यालय 18, उत्क्रमित मवि 12 प्रावि 25 एवं नया प्रावि 25 हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों के स्वीकृत पद 366 हैं जबकि आज मात्र 198 शिक्षक कार्यरत हैं। पारा शिक्षक के स्वीकृत पद 88 हैं जिनमें 86 पारा शिक्षक काम कर रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय चांच पोटरी एवं प्रावि बड़मुड़ी में महीनों पूर्व से स्थायी शिक्षक नहीं है। प्रति नियुक्त शिक्षकों के सहारे बच्चों को शिक्षा दी जा रही है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक रतन महावर ने पूछने पर कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का दंश बच्चे झेल ही रहे हैं, यह सच है। जैसे ही सरकार शिक्षकों की नियुक्ति करेगी वैसे ही अंचल तीन में उन्हें नियुक्त कर दिया जाएगा(भगवान मालवीय,दैनिक जागरण,मेढ़ा,22.12.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।