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05 दिसंबर 2010

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि:निजी प्रैक्टिस पर रिपोर्ट तैयार

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि के डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस मामले पर प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसमें तमाम निजी क्लीनिकों व निजी अस्पतालों समेत उन तमाम प्रमाणों का जिक्र है, जिनसे डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस करने की पुष्टि होती है। इस रिपोर्ट को शासन को भेजने की तैयारी की जा रही है। हालांकि विवि कुलसचिव वीपी सिंह का कहना है कि निजी प्रैक्टिस मामले में डॉक्टरों को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता, जब तक कार्य परिषद की बैठक न हो जाए। सात दिसंबर को कार्यपरिषद की बैठक में निजी पै्रक्टिस का मामला प्रमुखता से रखा जाएगा। निजी प्रैक्टिस मामले पर लगभग 64 डॉक्टर ऐसे थे, जो विवि के अतिरिक्त कहीं न कहीं मरीज देखते हैं। वहीं 22 डॉक्टरों पर नर्सिग होम या क्लीनिक होने का आरोप है। लिंब सेंटर में स्थानांतरित होगा आर्थोपेडिक्सविभाग छह दिसंबर को छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि का आर्थोपेडिक्स विभाग लिंब सेंटर भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। विभाग की ओपीडी पहले से ही यहां होती थी अब इनडोर भी यहां शिफ्ट हो जाएगा। यह मामला बीते कई वर्षो से प्रस्तावित था। पुराने भवन में जगह की कमी से मरीजों को काफी दिक्कत हो रही थी। विभागाध्यक्ष प्रो.जीके सिंह ने बताया कि नये भवन में बच्चों, महिला, पुरुष व सर्जिकल वार्ड होंगे। पुराने भवन में फिलहाल सिर्फ ऑपरेशन होंगे। बेड पुराने भवन में 160 थे और फिलहाल नये भवन में भी इतने ही होंगे। नये भवन में एक मॉड्यूलर ओटी बनकर तैयार है, शेष का काम चल रहा है। काम पूरा होने के बाद ओटी भी नये भवन में ही होंगे। क्यों पड़ी जरूरत चिकित्सा विवि के आर्थोपेडिक्स विभाग में जगह की कमी थी, लिहाजा मरीजों को काफी दिक्कत हो रही थी। यह देखते हुए कुछ समय पहले विभाग की ओपीडी लिंब सेंटर में शिफ्ट हो गई थी, हालांकि जांचों व भर्ती प्रक्रिया के लिए मरीजों को चिकित्सा विवि की पैथोलॉजी के चक्कर लगाने पड़ते थे(दैनिक जागरण,लखनऊ , ५.१२.२०१०)।

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