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18 दिसंबर 2010

पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा होगी ऐतिहासिक

पंजाब में 28816 युवा अफसर बनना चाहते हैं। यह युवा पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन की 19 दिसंबर को चंडीगढ़ में होने वाली प्रतियोगी परीक्षा में बैठेंगे। इस बार की परीक्षाएं कमीशन के लिए ऐतिहासिक है। ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि कमीशन के इतिहास में पहली बार इतने प्रतियोगी एक साथ परीक्षा देंगे। इससे पहले साल 1997-—98 में पीसीएस के 92 पदों के लिए परीक्षाएं हुई थीं, जिसमें 16000 प्रतियोगियों का रिकार्ड था, जो इस बार टूट गया है।

हालांकि इस बार पीसीएस के लिए आवेदन करने वालों की संख्या तो इससे भी कहीं ज्यादा 33611 थी, लेकिन उनमें से 4795 तो अफसरों की दौड़ में परीक्षा से पहले ही बाहर हो गए। इन प्रतियोगियों के आवेदन दस्तावेज पूरे न होने, डेक्लारेशन फार्म न भरने, पूरी फीस न देने, उम्र संबंधी दस्तावेज पूरे न होने समेत अलग—अलग वजह से रद्द कर दिए गए। भले ही इन उम्मीदवारों का अफसर बनने का सपना टूट गया लेकिन पीपीएससी तो फायदे में ही रहा। पीपीएससी को इन उम्मीदवारों से 72 लाख रुपये की कमाई तो मुफ्त में ही हो गई। तय शर्त के मुताबिक इन उम्मीदवारों की ओर से भरी गई पंद्रह -पंद्रह सौ रुपये फीस पीपीसीएससी की ओर से वापस नहीं लौटाई जाएगी।


इस बार पीसीएस के 180 पदों पर परीक्षा होनी है। इस लिहाज से एक पद के लिए 160 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस परीक्षा के लिए उम्मीदवार एक साल से इंतजार कर रहे थे। परीक्षा की प्रक्रिया पिछले साल दिसंबर में ही शुरू हो गई थी। उस वक्त आवेदन लिए गए थे। पंजाब में बड़े पैमाने पर युवाओं ने बढ़ चढ़कर पीसीएस के लिए आवेदन किए।

कमीशन के पास कुल 33611 उम्मीदवारों के आवेदन पहुंचे। उम्मीदवारों से आवेदन फीस के तौर पर पीपीएससी के खजाने में तीन करोड़ 81 लाख 22520 रुपये जमा हुए। बाद में स्क्रूटनी के दौरान 4795 आवेदन रद्द कर दिए गए। उधर, कई कानूनी वजहों से परीक्षा भी टलती रही। अब कमीशन ने 19 दिसंबर की परीक्षा के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए चंडीगढ़ में 68 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। यहां सुबह साढ़े दस से साढ़े 12 व दोपहर दो से चार बजे के दौरान परीक्षा ली जाएगी। उधर, नेशनल कंज्यूमर अवेयरनेस फोरम के महासचिव बलबीर अग्रवाल ने मांग की है कि जिन बेरोजगारों के आवेदन रद्द हुए हैं, उनकी फीस वापस लौटाई जानी चाहिए(विपन जंड,दैनिक भास्कर,लुधियाना,18.12.2010)।

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